GNIOT में “नारी उदय- रीप्रेसेंटेशन & मेनिफेस्टेशन ऑफ़ फेमिनिज्म” पर परिचर्चा का हुआ आयोजन

आज जी एन आई ओ टी इंस्टीट्यूट ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के सोशल क्लब “प्रयास” एवं आइ आइ सी सेल द्वारा “नारी उदय – रीप्रेसेंटेशन & मेनिफेस्टेशन ऑफ़ फेमिनिज्म” विषय पर परिचर्चा का आयोजन हुआ |

नारी उदय के संदर्भ में, फेमिनिज्म एक विशेष दृष्टिकोण है जो समाज में महिलाओं के अधिकारों और समानता के पक्ष में है। यह आंदोलन समाज में महिलाओं के स्थान को सुधारने की एक दिशा है। इसके साथ ही, नारी उदय एक आंदोलन है जो महिलाओं के विचारों और उनके संस्कृति के बारे में नए दृष्टिकोण को लेकर उन्हें स्वतंत्र बनाता है।

चर्चा की शुरुआत प्रिंसिपल, जीआईपीएस डॉ सविता मोहन  एवं आये हुए अतिथियों ने दीप प्रज्वलन कर कियाI  डॉ सविता मोहन ने समाज में महिलाओं की वास्तविक स्थिति के बारे में बताया । उन्होंने कहा कि महिलाओं को हर क्षेत्र में सम्मान और गौरव मिलना चाहिए।आज का आयोजन हर क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों की सराहना के साथ-साथ महिला सशक्तिकरण को प्रोत्साहन देने के लिए किया गया। जीआईपीएस  संस्थान ने कुछ प्रतिष्ठित महिलाओं को आमंत्रित किया जिन्होंने अपने-अपने क्षेत्रों में आश्चर्यजनक उपलब्धिया हासिल की है ।

आज के कार्यक्रम मे उपस्थित मेम्बर मैनेजमेंट, सपना गुप्ता ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि इस आंदोलन के माध्यम से महिलाओं को संगठित करने और सामाजिक समस्याओं को उठाने में मदद मिलती है। नारी उदय फेमिनिस्ट सोच के मूल में से उठता है, जो महिलाओं के विचारों और उनके अधिकारों को समझने की ज़रूरत को समझता हैI नारी उदय एक व्यापक मुद्दा है जो महिलाओं के स्वतंत्रता, समानता और अधिकारों के लिए लड़ाई का प्रतिनिधित्व करता है। इसे एक फेमिनिस्ट आंदोलन के रूप में भी जाना जाता है, जो महिलाओं के सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक उन्नयन के लिए लड़ता है।

कार्यक्रम की सम्मानित मुख्य अतिथि  उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्षा विमला बाथम ने भी पैनल चर्चा में भाग लिया । उन्होंने बताया कि महिलाओं की सुरक्षा एवं सम्मान में सुधार के लिए  महिला आयोग ने कई कदम उठाए हैं। उन्होंने इस संबंध में विभिन्न सरकारी योजनाओं और नीतियों के बारे में उपस्थित छात्राओं एवं शिक्षिकाओं को बताया।

चर्चा में भाग लेने वाले अन्य सम्मानित अतिथियों में सर्टिफाइड हैप्पीनेस कोच अक्षरा सेठ ने कहा कि आपके विचार आपकी वास्तविकता बनाते हैं। सकारात्मक विचार और सकारात्मक मन जीवन में सकारात्मक चीजों को आकर्षित करते हैं और नकारात्मक विचार नकारात्मक अनुभवों का अहसास कराते हैं। इसलिए खुशी का अनुभव करने का एकमात्र तरीका है कि आप अपने आस-पास सभी के बारे में अच्छा सोचें। उन लोगों से दूर रहें जो नकारात्मक बातें या आपको हतोत्साहित करते हैं। इसके बजाए सकारात्मक सोच के लोगों के साथ रहें।

प्रसिद्ध टैरो कार्ड रीडर अलंकृता मानवी ने भविष्यवाणी करने की सबसे प्राचीन विधि  टैरो कार्ड रीडिंग के बारे मे बताया । टैरो कार्ड के माध्यम से यदि आप अपना भविष्य जानना चाहते हैं तो इसके लिए आपको अधिकतम तीन कार्डों का चयन करना होता है। इन कार्डों पर जो बातें उल्लिखित होती हैं,उनके जरिये आपके प्रश्नों का जवाब दिया जायेगा और आपके भविष्य के बारे में बताता है।

आज की परिचर्चा मे शामिल सामाजिक कार्यकत्री और यमुना शुद्धि अभियान  एनजीओ की फाउंडर सुश्री अम्बर ज़ैदी ने कहा कि नारी उदय एक उत्थान है जो महिला सशक्तिकरण और स्वतंत्रता को संकेतित करता है। ट्रिपल तलाक कानून के आने से मुस्लिम महिलाओं की स्थिति में काफी सुधार हुआ है ।

डायरेक्टर सेवन सीस पेंट्स गीतिका अग्रवाल ने चर्चा मे कहा कि महिलाओं को कार्यस्थल पर बहुत सारे भेदभाव और रूढ़िवादिता का सामना करना पड़ता है, और अंतर उनके सफल करियर के विकास को रोक देता है। महिलाओं और पुरुषों के लिए समान नौकरी के अवसर, वेतन, पुरस्कार और संसाधन होने चाहिए। लैंगिक समानता एक सकारात्मक कार्य वातावरण और अच्छी कार्यस्थल संस्कृति को बढ़ावा देती है, जो किसी भी सफल संगठन की मूलभूत आवश्यकता है।

कार्यक्रम के अंत में प्रो ऋतु यादव ने आये हुए सभी अतिथियों, शिक्षकों  एवं सभी विद्यार्थियों को धन्यवाद ज्ञापित किया ।

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