ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने लंबे अर्से बाद किसानों के आबादी विनियमावली (लीज बैक) के प्रकरणों को सुलझाने की फिर पहल की है। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर एसीईओ की अध्यक्षता में बनी समिति (आबादी व्यवस्थापन नियमावली के विनियम चार की समिति) ने बुधवार को पतवाड़ी गांव के आबादी विनियमावली के प्रकरणों की सुनवाई की। लीज बैक के 50 से अधिक नए-पुराने प्रकरणों पर समिति ने किसानों का पक्ष सुना, जिन प्रकरणों में साक्ष्य प्राप्त नहीं हुए थे, उनसे साक्ष्य जमा कराने को कहा गया है।
दरअसल, आबादी की लीज बैक के लिए पहले एसीईओ और फिर सीईओ स्तर पर बनी समिति फैसला करती है। विनियमावली के अतंर्गत लीज बैक सिर्फ उन किसानों के नाम ही हो सकती है, जो यहां के मूल निवासी हैं। कुछ किसान लंबे अर्से से लीज बैक की जमीन छुड़वाने के लिए प्रयासरत हैं। बीते दिनों कुछ किसान प्रतिनिधि सीईओ रितु माहेश्वरी से भी मिले थे। सीईओ के निर्देश पर एसीईओ आनंद वर्धन की अध्यक्षता में बनी समिति ने बुधवार को पतवाड़ी गांव के आबादी विनियमावली प्रकरणों पर सुनवाई की। इसमें ओएसडी हिमांशु वर्मा, ओएसडी रजनीकांत व एसके कुशवाहा, एसडीएम शरद कुमार पाल, जितेंद्र गौतम, एसीपी अरविंद कुमार, एएलओ रश्मि सिंह समेत भूलेख व राजस्व विभाग के कई अन्य अधिकारीगण शामिल हुए। समिति ने लीज बैक के पुराने प्रकरणों के साथ ही नए प्रकरणों पर भी सुनवाई की। किसानों के पक्ष को सुना। उनसे साक्ष्य प्राप्त किए। किसानों को 2011 व वर्तमान की सैटेलाइट इमेज भी दिखाई गई। जिन किसानों के पास साक्ष्य उपलब्ध नहीं थे, उनको आवेदन पत्र, मूल निवास का साक्ष्य और भूलेख के दस्तावेज शीघ्र ही विभाग में जमा कराने को कहा गया है। समिति साक्ष्यों व सुनवाई के आधार पर निर्णय लेगी और अपनी रिपोर्ट बनाकर शीघ्र ही सीईओ की अध्यक्षता में आबादी विनियमावली के निस्तारण के लिए बनी समिति को सौंपेगी। इस समिति में जिलाधिकारी व पुलिस के अधिकारी भी सदस्य हैं। उनकी संस्तुति के आधार पर बोर्ड के अनुमोदन के उपरांत किसानों को आबादी की जमीन लीज बैक की जाएगी। प्राधिकरण के एसीईओ आनंद वर्धन का कहना है कि सीईओ रितु माहेश्वरी की मंशा है कि किसानों के आबादी प्रकरण जल्द सुलझा लिए जाएं। उनके निर्देश पर ही समिति सुनवाई कर रही है। ग्रामवार आबादी के सभी मसले प्राथमिकता पर रखते हुए निपटाए जाएंगे।