“रूहानी शाम” में गायिका चित्रा रॉय ने प्रेरक भजनों से बांधा समां। आर्ट ऑफ लिविंग

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (08/01/2023): शनिवार,07 जनवरी को ग्रेटर नोएडा के जीएल बजाज इंस्टीट्यूट में “आर्ट ऑफ लिविंग” संस्था ने “रूहानी शाम” कार्यक्रम का आयोजन किया । रूहानी शाम में स्वर कोकिला “आर्ट ऑफ लिविंग” गायिका चित्रा रॉय ने अपने भजनों व गीतों से उपस्थित दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

 

“आर्ट ऑफ लिविंग” ग्रेटर नोएडा द्वारा आयोजित रूहानी शाम में मुख्य आयोजक सविता शर्मा, डॉ साधना और राजेश माथुर उपस्थित रहे। रूहानी शाम में ‘स्वर कोकिला’ “आर्ट ऑफ लिविंग” चित्रा रॉय के भजनों व गीतों को सुनकर ऑडिटोरियम में बैठे श्रोता नाचते- झुमते नजर आए।

टेन न्यूज नेटवर्क से खास बातचीत

टेन न्यूज़ नेटवर्क से खास बातचीत में “आर्ट ऑफ लिविंग” की गायिका चित्रा रॉय ने कहा कि‌ “आर्ट ऑफ लिविंग के माध्यम से लोगों को यह बताने का प्रयास किया जा रहा है। जीवन में आनंद लेना ही ‘आर्ट ऑफ लिविंग’ है, और आर्ट ऑफ लिविंग में जीने की कला छिपी है, इसका उद्देश्य संगीत के माध्यम से लोगों को तनाव मुक्त करना है।”

 

आगे उन्होंने कहा कि “हमारे गुरुदेव श्री श्री रवि शंकर का कहना है कि जीवन में आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लिविंग है। इसलिए यह एनजीओ प्रयास कर रहा है कि हम लोगों को तनाव मुक्त रखते हुए उन्हें आनंद से जीने का तरीका सिखाएं। और आज मुझे यह कहते हुए बहुत खुशी महसूस हो रही है कि आर्ट ऑफ लिविंग से नई पीढ़ियां भी जुड़ रही है। आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़कर संगीत के माध्यम से मुक्त होकर जीवन को खुशी से जी रही है।”

 

आगे उन्होंने रूहानी शाम के बारे में बातचीत करते हुए कहा कि “आर्ट ऑफ लिविंग ग्रेटर नोएडा द्वारा आयोजित रूहानी शाम बहुत ही सफल और यादगार रही है। रूहानी शाम में आए सभी श्रोताओं ने मेरा मनोबल बढ़ाया है। और यह कहना भी गलत नहीं होगा कि आज आर्ट ऑफ लिविंग लोगों को संगीत के माध्यम से तनाव मुक्त करके ख़ुशी और आनंद से जीवन जीने का मार्ग दे रहा है।”

 

जानें क्या है आर्ट ऑफ लिविंग

“आर्ट ऑफ लिविंग” एक संस्था है, जिसकी स्थापना सन् 1981 में श्री श्री रविशंकर ने की थी। आर्ट ऑफ लिविंग फाउंडेशन के कुल मिलाकर 180 देशों में केंद्र हैं।आर्ट ऑफ लिविंग के संस्थापक रविशंकर का कहना है कि “जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लिविंग है। प्रतिदिन तनाव और खींचाव के बीच खुश रहकर जीवन का आनंद लेना ही आर्ट ऑफ लिविंग है।” यह एक तकनीक है जिसके माध्यम से तनाव और चिंताओं को दूर रखकर जीवन में खुशी और आनंद लाने की कला सिखाई जाती है।।

 

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