‘गांधी एवं लोहिया’ के विचार एवं प्रासंगिकता पर राज्यसभा उपसभापति हरिवंश से टेन न्यूज की खास बातचीत। लेखकीय संवाद। BIMTECH

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (31 दिसंबर 2022): राज्यसभा के उपसभापति, वरिष्ठ पत्रकार एवं लेखक हरिवंश द्वारा लिखित तीन अद्यतन पुस्तकों को लेकर ग्रेटर नोएडा के बीमटेक ने लेखकीय संवाद का आयोजन किया। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश एवं चर्चाकर्ता के रूप में वरिष्ठ पत्रकार शंभूनाथ शुक्ल और जाने माने प्रबंधन गुरु एवं बिमटेक के निदेशक डॉ एच चतुर्वेदी मंच पर उपस्थित रहे।

राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश एवं टेन न्यूज की खास बातचीत

टेन न्यूज से खास बातचीत में हरिवंश ने गांधी के विचारों, उनकी प्रासंगिकता और वर्तमान में गांधी को लेकर पूर्वाग्रहों पर जवाब देते हुए कहा कि ” गांधी का चिंतन भारत के सर्वांगीण विकास का चिंतन रहा है। गांधी का चिंतन भारत की मिट्टी से, भारत के उन विचारों पर इसका अपना एक समृद्ध अतीत रहा है। गांधी मूल्यों से बंधा समाज बनाना चाहते थे। आज गांधी अधिक प्रासंगिक हैं, आज की जो समस्या है पर्यावरण संकट हो या फिर नैतिकता के विकास की बात हो इन सबकी बात तो गांधी ही करते थे। आज ना केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया जब भारत को समझेगा तब जानेगा कि गांधी आखिर ‘विकल्पविहीन गांधी’ क्यों हैं।”

 

बातचीत के क्रम में लोहिया के विचारों, उनकी प्रासंगिकता और भारतीय समाज एवं राजनीति में उनके प्रभाव को लेकर जवाब देते हुए राज्यभा के उपसभापति के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि ” सबसे पहली बात कि आखिर लोहिया या उनके जैसे लोग क्यों प्रासंगिक हैं। भारतीय दर्शन कहता है कि हर चीज समय सापेक्ष होता है, वह उस काल के संदर्भ में ही प्रासंगिक होता है। तो इसी तरह से लोहिया ने अपने तत्कालीन समय में जिस तरह से भारतीय परंपराओं, भारतीय दर्शन, भारतीय परिवेश के अनुसार चिंतन किया। राम, कृष्ण और शिव पर उन्होंने मौलिक ढंग से बताया, उन्होंने नॉर्थ ईस्ट (पूर्वोत्तर) के राज्यों में किस तरह के लोग बसते हैं,उनके नाम की जड़ को मौलिकता को एक एंथ्रोपोलोजिस्ट की तरह तलाशने का प्रयास किया। भारतीय राजनीति के सवालों के पीछे जाकर उनके कारणों को, गहराई को तलाशने की प्रवृति का नाम लोहिया है। भारतीय राजनीति को सवालों को भारतीय संस्कृति एवं संदर्भ में , भारतीय परंपरा एवं मन मिजाज के अनुसार लोहिया ने सोचा। भारतीय राजनीति के अपने समय के सवालों को जब आप लोहिया के तरह से सोचेंगे तो सदैव आपके विचार प्रासंगिक रहेंगे।”

बातचीत के आखिरी में उभरते पत्रकारों के लिए संदेश देते हुए राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश ने कहा कि “खूब पढ़िए,आप जितना पढ़ेंगे आप अपना रास्ता बनाते जाएंगे। हमारे यहां गीता में कहा गया है कि आप अपने पहल से ही अपना रास्ता बनाते हैं।”

बता दें कि बिमटेक के लेखकीय संवाद कार्यक्रम में राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश द्वारा युवा छात्रों, पत्रकारों एवं शिक्षाविदों से अपनी पुस्तक कैलास मानसरोवर, कलश और पथ के प्रकाश पुंज को लेकर लेखकीय संवाद किया।।

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