Galgotias University के स्कूल ऑफ़ लिबरल एजुकेशन के द्वारा दो दिवसीय फिल्म मेकिंग वर्कशॉप का शुभारम्भ किया गया। अंतर्राष्ट्रीय फिल्म निर्मात्री विंकी सिंह, डीआईएमटीपी के डायरेक्टर संजय सिंह और विश्वविद्यालय की सलाहकार प्रो० डॉ० रेनू लूथरा ने दीप प्रज्ज्वलन कर वर्कशॉप का शुभारम्भ किया। इस दौरान प्रोफेसर डॉ० रेनू लुथरा ने सभी अथितियों को स्मृति-चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया।
छात्रों को संबोधित करते हुए फिल्म निर्मात्री विंकी सिंह ने कहा कि फिल्म मेकिंग एक कला है, लेकिन इसके लिए अच्छे आयडिया, अच्छी स्क्रिप्ट राइटिंग और अच्छे कैमरा निर्देशन की जरूरत होती है। डॉ० लूथरा ने विद्यार्थियों को बहुमुखी प्रतिभा व कौशल अर्जित करने के लिए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि विद्यार्थी अपने विषयों के अलावा अन्य क्षेत्रों में भी अपनी प्रतिभा का विकास करें, यही समय की मांग है। लिबरल एजुकेशन स्कूल की डीन डॉ० अनुराधा पाराशर ने अपने संबोधन में फिल्म मेकिंग के महत्व के बारे में बताते हुए कहा कि फिल्में समाज का आइना होती हैं। आप एक अच्छी फिल्म बनाकर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान भी बना सकते हैं। दूसरे सत्र में विंकी सिंह ने प्रतिभागियों को फिल्म मेकिंग से जुड़े तकनीकी बारीकियों के बारे में सिखाया। उन्होंने दस-दस विद्यार्थियों के ग्रुप बनाये और उन्हें एक शॉर्ट फिल्म बनाने के लिए कहा। उन्होंने प्रतिभागियों को उनकी बनायी शॉर्ट फिल्मों पर अपनी राय व्यक्त की और उन्हें उनकी कमियों के बारे में बताया।
इस अवसर पर विश्वविद्यालय की ऑपरेशन डायरेक्टर एडवोकेट अराधना गलगोटिया और कुलपति डॉ० के० मल्लिखार्जुन बाबू की अध्यक्षता में डिजीटल इंटरफेसड मीडिया एंड टेलीविजन प्रोडक्शन (DIMTP) कंपनी के साथ एक समझौता-ज्ञापन (MOU) पर भी साइन किया गया। इस दौरान विश्वविद्यालय के कुलसचिव नितिन कुमार गौड़ मौजूद रहे। विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने इस वर्कशॉप के सफलतापूर्वक संचालन के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं। छात्रों में फिल्म निर्माण की इस कार्यशाला को लेकर अत्यंत उत्साह दिखाई दिया।