उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव ने आईआईटीजीएनएल में ऑटोमेटिक वेस्ट कलेक्शन प्लांट का किया शुभारंभ

ग्रेटर नोएडा। उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने बुधवार को आईआईटीजीएनएल में बने ऑटोमेटिक वेस्ट कलेक्शन सिस्टम के दूसरे प्लांट का शुभारंभ किया। पहला प्लांट पूर्व में शुरू किया जा चुका है। करीब 54 करोड़ रुपये की लागत से बने इस प्लांट से वेस्ट का सेग्रिगेशन कर उसे प्रोसेस किया जाएगा। गीले कूड़े से मीथेन गैस बनाई जाएगी, जिसका इस्तेमाल बिजली उत्पादन में होगा।

मुख्य सचिव ने श्रमिकों के लिए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के निर्देश दिए। ग्रेटर नोएडा के एक्सपो मार्ट में आयोजित इलेक्ट्रिक व्हीकल एक्सपो में शामिल होने के बाद मुख्य सचिव ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण दफ्तर पहुंचे। यहां ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण व आईआईटीजीएनएल की परियोजनाओं की समीक्षा की। प्राधिकरण के सीईओ व मेरठ मंडलायुक्त सुरेन्द्र सिंह, चारों एसीईओ अदिति सिंह, दीप चंद्र, प्रेरणा शर्मा व अमनदीप डुली और ओएसडी सौम्य श्रीवास्तव की मौजूदगी में ग्रेटर नोएडा व आईआईटीजीएनएल के इंफ्रास्ट्रक्चर, राजस्व आदि पर प्रस्तुतिकरण हुआ। मुख्य सचिव के समक्ष यहां की दो अहम परियोजनाओं मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब व मल्टीमॉडल लॉजिस्टिक हब पर विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इन दोनों परियोजनाओं का काम शीघ्र शुरू कराने के निर्देश दिए।

प्रस्तुतिकरण के दौरान सीईओ सुरेन्द्र सिंह ने बताया कि लॉजिस्टिक हब बनने से नोएडा एयरपोर्ट के चलते पश्चिमी उत्तर प्रदेश के सभी उद्यमियों, कारोबारियों व किसानों को फायदा होगा। औद्योगिक व व्यापारिक गतिविधियां बहुत बढ़ जाएंगी। मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब के बनने से ट्रेनों से पूर्वोत्तर की ओर जाने वाले यात्रियों को बहुत सहूलियत हो जाएगी। बस अड्डा बनने से यह क्षेत्र प्रदेश के बाकी जिलों से बस सेवा के जरिए जुड़ जाएगा। सीईओ ने बताया कि दोनों परियोजनाओं के लिए जमीन अधिग्रहण का काम शीघ्र पूरा हो जाएगा।

मुख्य सचिव वे श्रमिकों के लिए अफोर्डेबल रेंटल हाउसिंग कॉम्प्लेक्स बनाने के निर्देश दिए, ताकि इन परियोजनाओं के निर्माण में लगे श्रमिकों को सस्ते किराए पर छत मिल सके। दुर्गाशंकर मिश्र ने ग्रेटर नोएडा की गंगाजल परियोजना को शीघ्र पूरा कर ग्रेनोवासियों के घरों तक गंगाजल पहुंचाने के निर्देश दिए। इसके बाद मुख्य सचिव आईआईटीजीएनएल की इंटीग्रेटेड इंडस्ट्रियल टाउनशिप का जायजा लिया। यहां पर बने ऑटोमेटिक वेस्ट कलेक्शन सिस्टम के दूसरे प्लांट का शुभारंभ किया। सीईओ ने बताया कि सूखे व गीले कूड़े के लिए हर प्लॉट पर कलेक्शन प्वाइंट दिये गये हैं। उनमें कूड़ा डालते ही पाइप के जरिए कूड़ा इन प्रोसेसिंग प्लांट तक पहुंच जाएगा और यहां प्रोसेस हो जाएगा। मुख्य सचिव ने इंटीग्रेटेड टाउनशिप को लाइव बनाने के लिए प्रवेश द्वार बनवाने, फव्वारे लगवाने और बड़े आकार के पौधे लगवाने आदि निर्देश दिए। मुख्य सचिव व सीईओ ने परिसर में पौधे भी रोपित किए। भ्रमण के दौरान प्राधिकरण के प्रभारी जीएम सलिल यादव, वरिष्ठ प्रबंधक अनिल जौहरी व कपिल सिंह, आईआईटीजीएनएल के कंपनी सेक्रेटरी पतंजलि दीक्षित आदि मौजूद रहे।

एमएमटीएच व एमएमएलएच प्रोजेक्टों पर एक नजर

मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब प्रोजेक्ट के तहत रेलवे, बस अड्डा व मेट्रो कनेक्टिविटी विकसित की जाएगी। बोड़ाकी के पास ही टर्मिनल बनाया जाएगा। इस पर रेलवे ने मंजूरी दे दी है। यहां से पूरब की ओर जाने वाली अधिकतर ट्रेनें चलेंगी। इससे दिल्ली, नई दिल्ली और आनंद विहार टर्मिनल पर भी दबाव कम होगा। ग्रेटर नोएडा व उसके आसपास रहने वालों को पूर्वी उत्तर प्रदेश, बिहार, पश्चिम बंगाल आदि के लिए ट्रेनें यहीं से मिल सकेगी। अंतर्राज्यीय बस अड्डा भी पहले ही मंजूर हो चुका है। इसके अलावा डिपो स्टेशन से मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट हब तक मेट्रो स्टेशन पर भी मुहर लग चुकी है। करीब तीन किलोमीटर लाइन बनेगी। यहां अंतर्राज्यीय बस अड्डा भी होगी। उद्योगों में काम करने वालों के लिए लोकल बसें भी चलाई जाएंगी। वहीं, लॉजिस्टिक हब से माल ढुलाई की राह आसान हो जाएगी। नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना प्राधिकरण के उद्योगों की जरूरत को देखते हुए यह परियोजना बेहद अहम है। मुंबई, गुजरात आदि जगहों पर जाने में चार से पांच दिन लगता है, इसके शुरू होने के बाद माल डेढ़ दिन में पहुंच सकेगा। दादरी के पास से गुजर रही डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इससे जुड़ेगा। इसके अलावा लॉजिस्टिक हब में वेयर हाउस भी बनेंगे।

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