टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (02/08/2022): यमुना एक्सप्रेसवे प्राधिकरण सेक्टर-17 के संस्थागत आवंटियों से 1028.63 करोड़ रुपये से अधिक की वसूली करने का नोटिस जारी किया है, जिन्हें 13 साल पहले सेक्टर-17 में कम दर पर संस्थागत भूखंड आवंटित किए गए थे।
बता दें यमुना प्राधिकरण ने जुलाई 2009 में सेक्टर 17 में मिनी स्पेशल डेवलपमेंट जोन की योजना लाई थी। और इस योजना के तहत, 25 से 250 एकड़ तक के 13 भूखंडों को संस्थागत, आईटी और आईटीईएस की श्रेणी के तहत आवंटित किया जाना था। लेकिन, अधिकांश भूखंड संस्थागत श्रेणी में आवंटित किए गए थे।
यमुना प्राधिकरण के अधिकारियों के अनुसार, इस योजना के प्लॉट आवंटन दर 2,670 रुपये प्रति वर्गम वर्गमीटर थी, लेकिन समिति ने केवल 1,629 वर्गमीटर की दर से भूखंड आवंटित किए थे। जिससे प्राधिकरण को 1,041 रुपये प्रति वर्गमीटर का नुकसान हुआ। और साथ ही भूखंड की दर उसके उपयोग श्रेणी के अनुसार निर्धारित की जानी थी। साथ ही वाणिज्यिक, समूह आवास एवं संस्थागत श्रेणियों में अनुपात के आधार पर राशि की वसूली की जानी थी, लेकिन इसका उल्लंघन करते हुए सभी भूखंडों पर संस्थागत दर लागू कर दी गई।
2018 में तत्कालीन यमुना प्राधिकरण अध्यक्ष प्रभात कुमार ने मामले की जांच कराई थी, जिसमें भूमि आवंटन में विसंगतियां सामने आई। इसके बाद प्राधिकरण ने आवंटियों को नोटिस जारी कर अंतर राशि का भुगतान करने का निर्देश जारी किया दिया था। बाद में आवंटियों ने अपने वसूली आदेश के खिलाफ प्राधिकरण को एक अभ्यावेदन दिया। बाद में, मामले को न्याय विभाग भेजा गया था।
यमुना प्राधिकरण के सीईओ अरुण वीर सिंह ने बताया कि “न्याय विभाग ने अब अतिरिक्त राशि की मांग के प्राधिकरण के फैसले को बरकरार रखा है। नतीजतन, प्राधिकरण ने फिर से आवंटियों को नोटिस जारी किया है। कुल मिलाकर प्राधिकरण आवंटियों से 1028.63 करोड़ रुपये वसूल करेगा। आवंटियों को यह राशि अगले 15 दिनों में ब्याज सहित अंतर राशि का भुगतान करना होगा।
साथ ही आगे सीईओ ने बताया कि चूक की स्थिति में प्राधिकरण लीज डीड की शर्तों के अनुसार कार्रवाई शुरू करेगा।