सितंबर तक लीजबैक से जुड़े सभी प्रकरणों के निस्तारण का है लक्ष्य, पढ़े पूरी रिपोर्ट

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (25/07/2022): यमुना प्राधिकरण ने सितंबर तक लीजबैक और आबादी भूखंड से जुड़े प्रकरणों का निस्तारण करने का दावा किया है।

यमुना प्राधिकरण सीईओ डॉ अरूण वीर सिंह ने बताया कि लीजबैक और आबादी भूखंड़ों के प्रकरणों की प्रतिदिन सुनवाई शुरू कर दी गई है। जिसमें 18 गांवों के आबादी भूखंडों के प्रकरण लंबित है।

यमुना प्राधिकरण से प्रभावित गांवों के ग्रामीण की सबसे बड़ी समस्या आबादी की लीजबैक और 7% आबादी भूखंडों का आवंटन है। किसान संगठन इसे निस्तारण के लिए हर सप्ताह प्राधिकरण अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे हैं।

आगे सीईओ डॉ अरूण वीर सिंह ने बताया विभागीय स्तर पर फाइल लंबित होने से प्रकरणों के निस्तारण में अधिक समय लग रहा है। इसलिए इसे देखते हुए खुद उन्होंने प्रकरणों की सुनवाई शुरू कर दी है। अभी तक फतेहपुर अट्टा के तीन में से दो, अट्टा गुजरान के 22 से 6, औरंगपुर के 17 में से 5 प्रकरणों का निस्तारण हो चुका है। शेष प्रकरण में तकनीकी पेंच है जिन्हें जल्द ही हल करने के लिए विभागीय अधिकारियों को समय दिया गया है। और साथ ही 7% आबादी भूखंड प्रकरणों के निस्तारण के लिए प्रत्येक सप्ताह सुनवाई तय कर दी गई है। खेरली भाव व रौनीजा गांव के प्रकरणों को पहले सुनवाई में शामिल किया गया।

बता दें प्राधिकरण अभी तक 29 गांव की जमीन औद्योगिक विकास के लिए अधिगृहीत या किसानों से सहमति के आधार पर विक्रय कर चुका है। इन गांवों के किसानों को ही आबादी भूखंड का आवंटन होना है। प्राधिकरण 8 गांवों के प्रकरणों का पहले ही निस्तारण करा चुका है और शेष 18 गांव के प्रकरण अभी शेष है। इससे करीब पच्चीस सौ किसान प्रभावित हुए हैं।

साथ ही सीईओ डॉ अरूण वीर सिंह ने बताया कि सितंबर के अंत तक लीजबैक व आबादी के सभी प्रकरणों का निस्तारण करने का लक्ष्य है।

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