ज़रूरतमंदो को कानूनी सहायता देने के लिए आगे आयें छात्र: गलगोटियास विश्वविद्यालय में बोले इलाहाबाद हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश

आज गलगोटिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लॉ ने उत्तर प्रदेश राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के सहयोग से कानूनी सहायता पर राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया जिसमें इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति राजेश बिंदल, न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर, गौतमबुद्धनगर के प्रशासनिक न्यायाधीश न्यायमूर्ति उमेश कुमार, गलगोटिया विश्वविद्यालय के कुलाधिपति सुनील गलगोटिया, मुख्य कर्यकारी अधिकारी ध्रुव गालगोटिया और दिल्ली उच्च न्यायलय के पूर्व न्यायधीश जे० आर० मिधा ने मोटर दुर्घटना दावा मामलों के निपटारन पर “पायलट परियोजना” का शुभारंभ किया।

विश्वविद्यालय के विधि स्कूल ने उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गौतम बुद्ध नगर और अन्य विधि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों के सहयोग से इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। इस संगोष्ठी में संवैधानिक योजना और न्याय को बढ़ावा देने में कानूनी सहायता क्लीनिक की भूमिका के अंतर्गत मोटर दुर्घटना दावा मामलों के निपटान पर पायलट परियोजना का शुभारंभ करते हुए कोविड पीड़ित क्षतिपूर्ति योजना पर ई-पुस्तक का विमोचन भी किया।

न्यायमूर्ति राजेश बिंदल ने अपने ज्ञान और व्यावहारिक अंतर्दृष्टि के शब्दों से कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कानूनी सहायता में शैक्षणिक संस्थानों की भूमिका, संवैधानिक महत्व और सामाजिक मूल्य को स्पष्ट किया। और कहा कि विधि के छात्र एक शानदार सेना है जो कि ऐसे कार्यक्रमों को बढ़ाने और चलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। और उन्होंनें कहा कि उत्तर-प्रदेश में देश की एक बहुत बड़ी आबादी रहती है, अगर हम “लीगल एड कार्यक्रम” को यहाँ प्रभावी तरीके से लागू कर सकते हैं तो इसका परिणाम पूरे देश में दिखाई देगा।

न्यायमूर्ति प्रितिंकर दिवाकर ने कहा कि कई बार कानूनी सहायता और धन के अभाव में और कई बार अपने अधिकारों की जानकारी ना होने के कारण पीड़ित को न्याय नहीं मिल पाता है। इस कानूनी सहायता कार्यक्रम के द्वारा ऐसे लोगों को न्याय दिलाने का काम किया जाएगा। ” कानूनी सहायता कार्यक्रम” लोगों को उनके अधिकार और कर्तव्यों की जानकारी देता है।

कुलाधिपति सुनील गलगोटिया ने अपने संबोधन में कहा कि यह पायलट प्रोजेक्ट न्यायधीश जे० आर० मिधा के एक निर्णय पर आधारित है। और इसके द्वारा मोटर दुर्घटना में पीड़ित लोगों को न्याय और उनके परिवारों को जल्दी सहायता मिलेगी।

कार्यक्रम के धन्यवाद ज्ञापन में विश्वविद्यालय के मुख्य कर्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने सभी न्यायधीशों का धन्यवाद करते हुए कहा कि गलगोटिया विश्वविद्यालय लीगल ऐड कार्यक्रम के साथ जुड़कर उत्तर प्रदेश के लोगों के लिये हमेशा महत्वपूर्ण कार्य करता रहेगा। उन्होंने विश्वविद्यालय में होने वाले सभी कार्यक्रमों में हिंदी को प्रभावी रूप से लागू करने पर भी जोर दिया।

इस दौरान नालसा के सदस्य सचिव अशोक कुमार जैन, यूपीएसएलएसए के सदस्य सचिव संजय सिंह, अशोक कुमार, भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अधिवक्ता गौरव बंसल गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति डॉ० अवधेश कुमार रजिस्ट्रार नितिन कुमार गौड़ विधि संकाय की डीन नमिता मालिक और अन्य प्रसिद्ध विद्वान प्रोफेसर और कानूनी विशेषज्ञ मौजूद रहे।

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