टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (21/02/2022): आज दिनांक 20 फ़रवरी 2022 को ग्रेटर नोएडा इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज मे “नई शिक्षा नीति (एनईपी) द्वारा पाठ्यक्रम और शिक्षाशास्त्र में सुधार” पर कार्यशाला का आयोजन किया गया l
कार्यक्रम की शुरुआत सभी उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा माँ सरस्वती वंदना एवं दीप प्रज्जवलित कर की गई। प्रिंसिपल डॉ सविता मोहन ने कार्यशाला मे आये हुए आज के प्रमुख वक्ता प्रो-वाईस चांसलर ( यू पी टी यू ) प्रोफ. ए के खरे का स्वागत किया एवं कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 को 29 जुलाई, 2020 को प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा अनुमोदित किया गया था। नीति को विस्तार से समझने के लिए इस पर चर्चा बहुत आवश्यक है। ग्रेटर नॉएडा इंस्टिट्यूट ऑफ़ प्रोफेशनल स्टडीज ने इसके लिए एक मंच प्रदान किया है I
डॉ राजेश पाठक, डायरेक्टर (क्यू ए ए एम् ) जी.एन.आइ.ओ.टी ग्रुप द्वारा दिए गए दूरदर्शी संबोधन के साथ कार्यक्रम को आगे बढ़ाया गया। उन्होंने सभी वक्ताओं को शुभकामनाएं दीं और कार्यशाला के संचालन के लिए संस्थान को शुभकामनाएं एवं सभी प्रतिभागियों को बधाई भी दी। डॉ राजेश पाठक ने नई शिक्षा नीति के प्रमुख बिंदुओं पर चर्चा की उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति किसी भी विषय को सीखने के व्यावहारिक पहलू पर केंद्रित है, क्योंकि यह अवधारणा को समझने का एक बेहतर तरीका माना जाता है।
एक्स प्रो-वाईस चांसलर ( यू पी टी यू ) एवं एडवाइजर, क्वांटम यूनिवर्सिटी प्रोफ. ए के खरे ने नई शिक्षा नीति पर प्रकाश डालते हुए कहा कि शिक्षक को अपने विषय क्षेत्रों में विशेषज्ञता हासिल करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि यह शिक्षा नीति कुशल श्रम की ओर भी ध्यान केंद्रित कर रही है, जो भारत के लिए एक समस्या है। उन्होंने यह भी बताया कि शिक्षा की गुणवत्ता को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है।नई शिक्षा नीति कई उपक्रमों के साथ रखी गई है जो वास्तव में वर्तमान परिदृश्य की जरूरत है। नीति का संबंध अध्ययन पाठ्यक्रम के साथ कौशल विकास पर ध्यान देना है। किसी भी चीज के सपने देखने से वह काम नहीं करेगा, क्योंकि उचित योजना और उसके अनुसार काम करने से केवल उद्देश्य पूरा करने में मदद मिलेगी। जितनी जल्दी राष्ट्रीय शिक्षा नीति के उद्देश्य प्राप्त होंगे, उतना ही जल्दी हमारा राष्ट्र प्रगति की ओर अग्रसर करेगा। इस कार्यशाला के लिए कुल 60 पंजीकरण प्राप्त हुए थे।
इस कार्यक्रम की मॉडरेटर प्रोफ. तारू माहेश्वरी रही | अंत में धन्यवाद ज्ञापन देते हुए डॉ अविजित कुमार डे द्वारा एक विस्तार रिपोर्ट साझा की गई एवं सभी प्रतिभागियों की प्रतिक्रिया ली गई I