ग्रेटर नॉएडा के हर रिहायशी सेक्टर का होगा अपना सामुदायिक केंद्र: सीईओ नरेंद्र भूषन

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के सभी सेक्टरों में अगले तीन साल में सामुदायिक केंद्र बन जाएंगे, जिन सेक्टरों की आबादी सबसे ज्यादा है वहां पहले साल, उसके बाद दूसरे साल और फिर बचे हुए सेक्टरों में तीसरे साल सामुदायिक केंद्र बनाए जाएंगे। सोमवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने ग्रेटर नोएडा की फेडरेशन ऑफ आरडब्ल्यूएज और विभिन्न सेक्टरों के आरडब्ल्यूए प्रतिनिधियों के साथ बैठक के दौरान यह बात कही।

चरणबद्ध तरीके से सभी रिहायशी सेक्टरों में सामुदायिक केंद्र बनेंगे। ये सामुदायिक केंद्र अलग डिजाइन से बनेंगे। इनमें क्लब की सुविधा होगी। पर्याप्त पार्किंग की सुविधा होगी। कॉमन हॉल के साथ ही ओपन एरिया भी होगा। हर सामुदायिक केंद्र में दो कमरे भी बनाए जाएंगे। परियोजना विभाग को तीन चरणों में बांटकर टेंडर जारी करने के निर्देश दिए। जब तक सेक्टरों में सामुदायिक केंद्र नहीं बन जाते, तब तक उस सेक्टर में स्थित फैसिलिटी प्लॉट का शुल्क तय करके शादी-समारोह के लिए देने को कहा है, ताकि निवासियों को परेशानी न हो। कुछ सेक्टरों में सीवर लाइनों को एसटीपी से न जोड़े जाने की शिकायत आई, जिस पर सीईओ ने जल-सीवर विभाग को निर्देश दिए कि जितने भी सेक्टर अब तक एसटीपी से नहीं जुड़े हैं, उन सभी को सीवर लाइनों से जोड़ते हुए एसटीपी तक ले जाकर सीवर को शोधित करें।

सीईओ ने पार्कों में लाइट लगाने व पेड़ों की छंटाई तत्काल कराने के निर्देश दिए। इसके अलावा मुख्य मार्गों से सेक्टर तक जाने के लिए दिशा सूचक बोर्ड व सेक्टर के अंदर ब्लॉक के लिए बोर्ड लगाने तत्काल लगवाने को कहा है। सेक्टरों में खाली प्लॉटों की सफाई कराने व उस प्लॉट के आवंटी पर पेनल्टी लगाने के निर्देश दिए। इस बैठक में प्राधिकरण की तरफ से एसीईओ दीपचंद्र व अमनदीप डुली, महाप्रबंधक एके अरोड़ा, डीजीएम सीके त्रिपाठी व सलिल यादव मौजूद रहे, जबकि फेडरेशन की तरफ से देवेंद्र टाइगर, दीपक भाटी, आलोक नागर, राजेश भाटी आदि मौजूद रहे।

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