ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हिंडन किनारे अंतिम निवास बनाएगा प्राधिकरण, सीईओ ने दी सैद्धांतिक मंजूरी

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा वेस्ट के निवासियों के लिए प्राधिकरण एक और बड़ी सुविधा जल्द देने जा रहा है। प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट में हिंडन नदी के किनारे अंतिम निवास बनवाने जा रहा है। इसे ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण एफएनपी केयर की एनजीओ लास्ट जर्नी के साथ मिलकर बनाएगा। शुक्रवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के समक्ष लास्ट जर्नी संस्था ने इस पर प्रस्तुतिकरण भी दिया। सीईओ ने इस पर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है।

दरअसल, ग्रेटर नोएडा वेस्ट की बहुमंजिला रिहायशी इमारतों में बहुत तेजी से आबादी बढ़ रही है। मौजूदा समय में ही सोसाइटियों व गांवों में मिलाकर करीब 10 लाख से अधिक आबादी रहने लगी है। किसी अपने के हमेशा के लिए खो देने के बाद उनको अंतिम संस्कार के लिए ग्रेटर नोएडा के सफीपुर मोक्षधाम जाना पड़ता है। यहां के निवासी अंतिम निवास बनाने की मांग कर रहे थे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने नियोजन विभाग से ग्रेटर नोएडा वेस्ट में अंतिम निवास के लिए जगह तय करने के निर्देश दिए थे। नियोजन व परियोजना विभाग ने हिंडन नदी के किनारे बनाने का प्रस्ताव दिया है। लास्ट जर्नी संस्था इस अंतिम निवास को बीओटी के आधार पर बनाना चाह रही है। प्राधिकरण अंतिम निवास की जमीन को 10-11 साल के लिए संस्था को लीज पर दे देगा। संस्था इसका निर्माण, संचालन व रखरखाव करेगी। इस अंतिम निवास में लकड़ी, सीएनजी व इलेक्ट्रिक, तीनों ही विधि से अंतिम संस्कार की व्यवस्था की जाएगी। जनमानस के लिए शव वाहन व फ्रीजर की भी सुविधा प्रदान की जाएगी। शोकाकुल परिवार को प्रार्थना सभा के लिए वातानुकूलित कॉमन हॉल भी होगा। इस अंतिम निवास में मेमोरियल पार्क भी बनेगा, जहां लोग अपनों की याद में पौधे भी लगा सकेंगे। अंतिम निवास में ही प्रतीक्षालय भी बनेगा। अंतिम निवास तक जाने के लिए एप्रोच रोड का निर्माण प्राधिकरण करेगा। सीईओ नरेंद्र भूषण ने जीएम प्रोजेक्ट को इसका नोडल अफसर नियुक्त करते हुए शीघ्र ही औपचारिक प्रस्ताव के साथ मंजूरी लेने को कहा है। प्राधिकरण व लास्ट जर्नी संस्था की संयुक्त टीम जल्द ही मौके पर निरीक्षण कर इसका खाका खींचेगी। प्रस्तुतिकरण के दौरान एसीईओ दीप चंद्र व अमनदीप डुली, जीएम प्रोजेक्ट एके अरोड़ा, वरिष्ठ प्रबंधक कपिलदेव सिंह, वरिष्ठ नियोजक सुधीर कुमार व लास्ट जर्नी संस्था के प्रतिनिधि मौजूद रहे।

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