ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा के तीन और गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने की दिशा में प्राधिकरण ने कदम बढ़ाया है। प्राधिकरण ने चीरसी, अस्तौली व सिरसा को स्मार्ट बनाने के लिए टेंडर जारी कर दिए हैं। इन पर करीब 8.27 करोड़ रुपये खर्च होंगे। एक माह में टेंडर की प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू कराने की योजना है। प्राधिकरण ने पहले चरण में 14 गांवों को स्मार्ट बनाने का एलान किया था। 11 के टेंडर पहले ही जारी हो चुके हैं। इन तीन गांवों के साथ ही पहले चरण के सभी टेंडर जारी हो गए।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के अंतर्गत 124 गांव आते हैं। इन गांवों को स्मार्ट विलेज में तब्दील करने पर काम चल रहा है। प्राधिकरण पहले चरण में 14 गावों को स्मार्ट बनाने पर काम कर रहा है, जिनमें ग्राम मायचा, छपरौला, सादुल्लापुर, तिलपता-करनवास, घरबरा, चीरसी, लड़पुरा, अमीनाबाद (नियाना), सिरसा, घंघोला, अस्तौली, जलपुरा, चिपियाना खुर्द-तिगड़ी, युसुफपुर चक शाहबेरी शामिल हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र के निर्देश पर प्राधिकरण स्मार्ट विलेज योजना की शुरुआत मायचा से कर चुका है। मायचा गांव में काम शुरू हो गया है। शेष 10 गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए टेंडर प्रक्रिया पूरी की जा रही है। वहीं, अब तीन और गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने के लिए प्राधिकरण ने टेंडर जारी कर दिए हैं। ये गांव चीरसी, अस्तौली व सिरसा हैं। इन तीनों को स्मार्ट बनाने में करीब 8.27 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इन गांवों को स्मार्ट विलेज बनाने की योजना दो चरणों में परवान चढ़ेगी। पहले चरण में इंफ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया जाएगा। मसलन, हर घर को पानी व सीवर कनेक्शन से जोड़ा जाएगा। सीवर लाइनों को एसटीपी से जोड़ा जाएगा। पूर्व में सीवर लाइनें आधी-अधूरी डाल दी गईं। उनको एसटीपी से नहीं जोड़ा गया। इन गांवों की सड़कें बेहतर की जाएंगी। नाली बनाई जाएंगी। हर गली में स्ट्रीट लाइट होगी। कम्युनिटी हॉल बनेंगे। इन गांवों में विद्युतीकरण के कार्य भी होंगे। वहीं, दूसरे चरण में लाइब्रेरी, वाई-फाई की सुविधा, युवाओं के लिए ट्रेनिंग सेंटर, स्मार्ट क्लास बोर्ड आदि की सुविधा दी जाएगी। ट्रेनिंग सेंटर में युवाओं को रोजगार परक कोर्स की जानकारी दी जाएगी, जिससे उनको कैरियर बनाने में मदद मिल सके। इन गांवों के टेंडर के लिए तीन नवंबर से आवेदन शुरू होंगे। 17 नवंबर तक आवेदन किए जा सकेंगे। प्री क्वालीफिकेशन बिड खोलने की तिथि 22 नवंबर है। प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा ने एक से डेढ़ माह में टेंडर प्रक्रिया पूरी कर काम शुरू कराने की बात कही है।