32 परिवार यमुना प्राधिकरण को भेजेंगे कानूनी सूचना पत्र, पुनर्वास लाभ न मिलने नाराज़ किसान परिवार

ग्रेटर नोएडा: यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण को जेवर के तीन गांवों के कुल 32 परिवारों ने कानूनी सूचना पत्र भेजने का फैसल किया है। उनका कहना है कि उन्हें पुनर्वास लाभ से वंचित कर दिया गया है।

नोएडा हवाई अड्डे के पहले चरण के लिए अधिग्रहण किए गए 1,334 हेक्टेयर के अलावा प्राधिकरण द्वारा तीन गांवों- कुरेब, नगला जहांनू और नगला फूलकान में 16 हेक्टेयर भूमि ली गई थी। दूसरा रनवे बनाने के लिए इस जमीन की जरूरत है। जेवर के इन तीन गांवों में कुल 48 परिवार परियोजना से प्रभावित हो रहे थे। उनमें से 32 परिवारों ने पहले ही अपनी जमीन पर स्थायी ढांचे या घर बना लिए थे।

ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि उन्हें वही लाभ देने का वादा किया गया था जो उन किसानों को दिए गए थे जिन्होंने हवाई अड्डे के पहले चरण के लिए अपनी जमीन दी थी।  जिन 32 परिवारों को विस्थापित होना था, उनमें से प्रत्येक को 5.5 लाख रुपये देने का वादा किया गया था। लेकिन अब तक इन्हे कोई पुनर्वास लाभ नहीं दिया गया है।

ग्रामीणों ने गुरुवार को विरोध प्रदर्शन किया, जब यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण, जिला प्रशासन और पुलिस के अधिकारियों की एक टीम ने नगला जहांनू में एक घर के एक हिस्से को जमीन खाली करने और रियायतग्राही को सौंपने के लिए तोड़ना शुरू कर दिया। ग्रामीणों के प्रदर्शन के चलते अधिकारियों को आनन-फानन में पीछे हटना पड़ा।

यमुना एक्सप्रेस-वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यकारी अधिकारी अरुण वीर सिंह ने कहा, “मैं भूमि खंड से पता लगाऊंगा कि मामला क्या है।”

भूमि विभाग के एक अधिकारी ने कहा, “जिन लोगों को अपने कृषि क्षेत्र और पुश्तैनी घर छोड़ने के बाद बाहर निकलने के लिए मजबूर किया गया है, उन्हें पुनर्वास लाभ की पेशकश की गई है।”

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