गलगोटियाज विश्वविद्यालय में गांधीवादी विचारधारा पर एक दिवसीय वेबिनर का आयोजन

गलगोटियाज विश्वविद्यालय के राष्ट्रीय सेवा योजना और जनसंचार विभाग के संयुक्त तत्वाधान में ‘‘गांधीवादी विचार और स्वच्छ भारत एक व्यावहारिक दृष्टिकोण’’ विषय पर एक दिवसीय वेबिनार का आयोजन किया गया ।

वेबिनार में मुख्य वक्ता के रूप में गाँधीवादी विचारों के चिंतक, फिल्म निर्देशक और शिक्षाविद् डॉ0 सी. के. थॉमस ने वर्त्तमान समय में गाँधी के विचारों की उपयोगिता और स्वच्छ भारत के निर्माण में गाँधीवादी दृष्टिकोण के विभिन्न पक्षों पर प्रकाश डाला । इस वेबिनार का उद्देश्य गांधीवादी विचारधारा का प्रचार.प्रसार और स्वच्छ भारत अभियान के बारे में जागरूकता फैलाना था ।

डॉ0 थॉमस ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी का मानना था कि साफ-सफाई ईश्वर की भक्ति के बराबर है और इसलिए उन्होंने लोगों को स्वच्छता बनाए रखने संबंधी शिक्षा देते हुए देश को एक उत्कृष्ट संदेश दिया था । उन्होंने कहा कि महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था जिसके लिए वे चाहते थे कि भारत के सभी नागरिक एकसाथ मिलकर देश को स्वच्छ बनाने के लिए कार्य करें ।

डॉ थॉमस ने प्रतिभागियों के प्रश्नों का जवाब देते हुए कहा कि महात्मा गांधी ने पूरी जिंदगी स्वच्छता को खास अहमियत दी थी। उनका मानना था कि बेहतर साफ-सफाई से ही भारत के गांवों को आदर्श बनाया जा सकता है । महात्मा गाँधी का कहना था कि स्वच्छता ही प्रभुता है ।

कार्यक्रम की अध्यक्षता और अतिथि का स्वागत गलगोटियाज विश्वविद्यालय के उप-कुलपति डॉ वेंकटेश बाबू ने किया। उन्होंने कार्यक्रम के प्रारूप और विषय चयन और वेबिनार विषय की प्रासंगिकता पर अपने विचार रखते हुए विषय चयन के लिए जनसंचार विभाग की सराहना की।

जनसंचार विभागाध्यक्ष डॉ0 एo राम पाण्डेय द्वारा अतिथियों और प्रतिभागियों के लिए स्वागत व्यक्तव्य दिया गया। गाँधी के स्वच्छता संबंधित विचारों के लेकर प्रतिभागियों के जिज्ञासाओं को कार्यक्रम के संचालकों द्वारा प्रश्नों के माध्यम से रखा गया जिसका समाधान डॉ थॉमस द्वारा किया गया । कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सैकडों प्रतिभागियों ने सम्मिलित होकर सफाई के प्रति अपनी प्रतिबद्धता प्रदर्शित की

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