ग्रेटर नोएडा का पहला रेमेडिएशन प्लांंट जल्द होगा शुरू, कूड़े से बनेगी खाद

ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में कूड़े को निस्तारित करने के लिए रेमेडिएशन प्लांट (कूड़ा प्रसंस्करण केंद्र) जल्द शुरू होने जा रहा है। इसकी मशीनें लग गई हैं। ट्रायल शुरू हो गया है। दो माह में कूड़े से खाद, आरडीएफ (रिफ्यूज्ड ड्राइव्ड फ्यूल) आदि उत्पाद बनने लगेंगे। शनिवार को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उप महाप्रबंधक केआर वर्मा और सलिल यादव ने मौके पर जाकर प्लांट का निरीक्षण किया।

ग्रेटर नोएडा से रोजाना निकलने वाले करीब 250 टन कूड़े को लखनावली में डंप किया जाता है। यहां पर करीब 4 लाख टन कूड़ा इकट्ठा हो चुका है। ग्रेटर प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर इस कूड़े को निस्तारित करने के लिए रेमेडिएशन प्लांट लगाने का निर्णय लिया गया। टेंडर के जरिए ब्राजील की कंपनी लारा का चयन किया गया। इस कंपनी ने भारतीय कंपनी एवियन एमरो के साथ मिलकर इस कूड़े को निस्तारित करने का अनुबंध किया। दोनों कंपनियां मिलकर लखनावली में प्लांट तैयार कर रही हैं। इनका ट्रायल शुरू हो गया है। यहां पर एकत्रित कूड़े में से किचन वेस्ट को अलग कर खाद बनाया जाएगा, जिसे प्राधिकरण अपनी बागवानी के लिए भी इस्तेमाल करेगा। इससे 50 फीसदी कूड़ा खत्म हो जाएगा। शेष 50 फीसदी कूड़े में से प्लास्टिक वेस्ट को अलग कर रीसाइकिलिंग प्लांट को भेज दिया जाएगा। वहां प्लास्टिक वेस्ट से मल्टी लेयर बोर्ड बनेंगे, जिससे कुर्सी, बेंच, ट्री गार्ड जैसे उत्पाद बन सकेंगे। कंस्ट्रक्शन से जुड़े अवशेष का इस्तेमाल सड़कें बनाने व गड्ढों की भराई में हो सकेगा। दो साल में लखनावली में डंप कूड़े को साफ करने की तैयारी है। शनिवार को इसी प्लांट का जायजा लेने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के उप महाप्रबंधक केआर वर्मा व सलिल यादव प्लांट पर पहुंचे और जायजा लिया। प्लांट के बारे में जानकारी की। उन्होंने बताया कि प्लांट तैयार हो रहा है। वेट मशीन लग गई है। ट्रायल शुरू हो गया है। दो माह में इससे खाद, फ्यूल आदि बनने लगेंगे। सीईओ नरेंद्र भूषण का कहना है कि प्रसंस्करण प्लांट शुरू होने से ग्रेटर नोएडा को और स्वच्छ बनाने में मदद मिलेगी।

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