नई एजुकेशन पॉलिसी छात्रों में नैतिक जिम्मेदारी को बढ़ाएगा – डॉ.भीमराया मैत्री

आई0टी0एस0 कॉलेज ऑफ फार्मेसी मुरादनगर में आज दिनांक 29 मई को एक ई सेमिनार जिसका शीर्षक नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 फ्यूचरिस्टिक विजन ऑफ इंडिया का आयोजन किया गया कार्यक्रम की शुरुआत आई0टी0एस0 दी एजुकेशन ग्रुप के परिचय तथा राष्ट्रीय गान से शुरू हुआ जिसके स्वागतीय संबोधन में कॉलेज के डायरेक्टर डॉ सदीश कुमार ने सेमिनार के उद्देश्य के बारे में बताया तथा कॉलेज का संक्षिप्त परिचय करवाया इस अवसर पर उपस्थित आई0ट0एस0 दी एजुकेशन ग्रुप के वाइस चेयरमैन श्री अर्पित चड्डा जी ने इस सेमिनार के महत्व पर प्रकाश डाला और साथ ही साथ नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का प्रभाव आने वाले दिनों में भारत की शिक्षा प्रणाली पर क्या पड़ेगा इसके बारे में विस्तार से अवगत कराया तथा कहा कि जिस भी तरह की आधारभूत संरचना और विकास हेतु जो भी जरूरत होगी कॉलेज उसके लिए पूरी तरह से तैयार है।

इस अवसर पर बोलते हुए मिस्टर सुरेंद्र सूद (डायरेक्टर, पी आर आई0टी0एस0 दी एजुकेशन ग्रुप) ने कहा की, निश्चित ही यह एजुकेशन पॉलिसी भारत के भविष्य के लिए बहुत ही अच्छा होगा और इससे रोजगार के क्षेत्र में वृद्धि होगी

सेमिनार में बोलते हुए अतिथि वक्ता डॉ अकील बुसराइर्, सीईओ अकील, बुसराई कंसलटिंगद्ध ने नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के मुख्य बिंदुओं पर प्रकाश डाला उन्होंने कहा न्यू एजुकेशन पॉलिसी 2020 आज के समय में भारत की आवश्यकता है। क्योंकि मौजूदा शिक्षा प्रणाली सिर्फ कागज की डिग्रियां देने तक सीमित हो गई थी। नई नीति शिक्षा जो षिक्षा एवं उद्योग जगत की आवश्यकताओं के बीच की खाई को पाटने का काम करेगी उन्होंने कहा कि उद्योग जगत के विशेषज्ञों को भी इस एजुकेशन पॉलिसी में सर्टिफिकेशन प्रोग्राम को बनाने में शैक्षिक जगत की मदद करनी चाहिए और बच्चों में क्वालिटी शिक्षा देने का कार्य शैक्षिक जगत की तरफ से होना चाहिए।
प्रोफेसर संदीप संचेतीय प्रोवोस्ट वाइस चांसलर मारवाड़ी यूनिवर्सिटी राजकोट के नेशनल एजुकेशन पॉलिसी को विस्तार से समझाया और यह भी बताया कि इन एजुकेशन पॉलिसी का क्रियान्वयन कैसे होना है उन्होंने एकेडमिक इंडस्ट्री इंडक्शन प्रोग्राम तथा एकेडमिक बैंक ऑफ क्रेडिट पर जोर देते हुए इसे विस्तार से बताया।
प्रोफेसर अमेरिटस डा0 तरुण कांत आईआईटी मुंबई ने नई शिक्षा नीति 2020 के क्रियान्वयन के तरीकों पर जोर देने को कहा उन्होंने कहा कि इस तरह की पॉलिसी के क्रियान्वयन में बहुत ढेर सारे चैलेंज हैं, जिनके लिए सरकार को सोचना होगा। और इसके क्रियान्वयन के लिए एक ईमानदारी भरे प्रयास की जरूरत बताई।
उन्होंने कहा कि नए एजुकेशन पालिसी की जगह पर पुराने एजुकेशन पॉलिसी को ही पुनर्गठन करने की और सशक्त बनाने की जरूरत है।

डॉक्टर भीमरेया मैत्री, (डायरेक्टर,आईआईएम नागपुर) ने इस अवसर पर बोलते हुए , नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के बारे में विस्तार से चर्चा की, उन्होंने कहा कि यह अमेरिकन और यूरोपियन सिस्टम ऑफ एजुकेशन से इसकी तुलना करते हुए लर्निंग आउटकम के महत्व पर प्रकाश डाला। इस अवसर पर कॉलेज के समस्त शिक्षक शिक्षिकाएं सहित सभी छात्र एवं छात्राओं सहित लगभग 400 लोगों ने प्रतिभाग किया। इस कार्यक्रम में प्रो0 डा0 राधा गोयल, एसोसि0 प्रो0 डा0 राजकुमारी, असि0 प्रो0 मिस स्वीटी बाना ने महत्वपूर्ण योगदान दिया।

कार्यक्रम के अंत में डॉ प्रवीण गौर डीन, , (आई.टी.एस, कॉलेज ऑफ फार्मेसी) ने सबका धन्यवाद ज्ञापित किया कार्यक्रम के सफल संचालन में डॉक्टर मनोज कुमार शर्मा का विशेष योगदान रहा।

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