वापस 2020 की बात करते हैं, शुरुआत सामान्य थी लेकिन मार्च आते आते एहसास होने लगा सब कुछ सामान्य नहीं है. कोरोना तेज़ी से पांव पसारने लगा..होली मिलन रद्द करना पड़ा..डर का माहौल बढ़ने लगा था..लोग घरों में बंद होने लगे थे..सन्नाटा गहरा था या अंधकार तय करना मुश्किल है। लोगों ने राशन इकठ्ठा कर लिए। लेकिन वो छूट गए जिनके पास कुछ भी नहीं था। वो रोज़ कमाते और खाते थे, जो कल तक मेहनत कर कमा रहे थे अब हाथ फ़ैलाने को मजबूर थे, लेकिन कहां क्या मिलेगा ये तय नहीं था।
मैं आप सब का नाम नहीं जानता जिन्होंने मदद की, लेकिन शुक्रिया कहना चाहता हूं आपने ज़िंदगी बचाने में अपना योगदान दिया है। लगातार कई महीने सूखा राशन और साथ में पैक्ड खाना बांटा गया। ये अभियान तब तक जारी रहा जब तक स्थिति कुछ सामान्य नहीं हुई। इसके साथ ही कई और फ्रंट चुनौती के लिए खुल गए थे, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते थे।
कई लोग घर लौटना चाहते थे, लेकिन उन्हें कोई सहारा नहीं मिल रहा था। जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह मदद के लिए आगे आए। उन्होंने बसों का इंतज़ाम किया, ज़रूरतमंदों को रास्ते का राशन मुहैया कराया और लोगों को घरों को घर भेजना हम सबने मिलकर शुरू किया। उन लोगों के फ़ोन आने शुरू हो गए जिनके घर पर या तो कोई बीमार था या किसी का निधन हुआ और वो घर नहीं जा पा रहे थे। धीरेन्द्र सिंह जी को तो रात के 3 बजे भी मदद के लिए फ़ोन लगाने में झिझक नहीं हुई, उन्होंने कभी किसी को ना नहीं कहा।
अचानक ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कोरोना के कई मामले सामने आ रहे थे। लोगों में घबराहट बढ़ रही थी। हमारे टीम जागरूकता अभियान शुरू किया ये भरोसा लोगों को दिलाने की कोशिश की कि अस्पताल जाकर वो ठीक होकर लौटेंगे। जिम्स अस्पताल में लगातार जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह जी की मदद मिल रही थी।
एक चुनौती थी टेस्टिंग, ज़्यादातर लोग टेस्टिंग के लिए जाने से घबराते थे। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसका रास्ता निकला और टेस्टिंग सेंटर सोसाइटी पहुंचने का इंतज़ाम शुरू हुआ। इसमें भी कई साथियों ने सोसाइटी पहुंचकर कैंप को सफल बनाया और जो भी पॉजिटिव आये उन्हें भरोसा दिया कि आप ठीक होकर अस्पताल से लौटेंगे। इस मुहिम ने कोरोना संक्रमण का चेन तोड़ने में बहुत मदद की।
एक भरोसा देना चाहता हूं आप सबको ये संगठन आप सबका है। कहीं कमी दिखे तो उसे सही कराएं और ज़रूर बताएं।