अभिषेक कुमार, नेफोवा : साल 2020 चुनौती भरा रहा, दोबारा 2020 ना आए, ईश्वर से यही प्रार्थना है

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में लोगों को फ्लैट दिलाने के लिए 2011 से जनांदोलन जारी है, एक आम इंसान को घर मिल जाए उसकी मुहिम चल रही है। साथ में जनता की थाली, कम्बल वितरण, छठ महोत्सव सहित और भी बहुत कुछ..ये सब मैंने अकेले नहीं किया है, ना कर सकता हूं। हज़ारों लोगों के भरोसे और साथ से ही मुमकिन हुआ है।

वापस 2020 की बात करते हैं, शुरुआत सामान्य थी लेकिन मार्च आते आते एहसास होने लगा सब कुछ सामान्य नहीं है. कोरोना तेज़ी से पांव पसारने लगा..होली मिलन रद्द करना पड़ा..डर का माहौल बढ़ने लगा था..लोग घरों में बंद होने लगे थे..सन्नाटा गहरा था या अंधकार तय करना मुश्किल है। लोगों ने राशन इकठ्ठा कर लिए। लेकिन वो छूट गए जिनके पास कुछ भी नहीं था। वो रोज़ कमाते और खाते थे, जो कल तक मेहनत कर कमा रहे थे अब हाथ फ़ैलाने को मजबूर थे, लेकिन कहां क्या मिलेगा ये तय नहीं था।

दो रास्ते थे हमारे पास भी, हम भी घर पर रहते या फिर तमाम सावधानी बरतने के साथ लोगों की मदद शुरू करते. प्रशासन, अथॉरिटी और जनप्रतिनिधि के साथ मिलकर हमने मदद का फैसला किया, कहां से क्या आएगा कुछ भी तय नहीं था, लेकिन तमाम साथियों का हौसला बुलंद था। ये तय हुआ ज़्यादा से ज़्यादा सूखा राशन देंगे। कम से कम 15 दिन का ताकि दोबारा लोगों को लाइन में नहीं लगना पड़े। कोरोना गाइडलाइन्स का पालन  करते हुए मुहिम शुरू हुई। बड़ी संख्या में लोग मदद के लिए आगे आए।

मैं आप सब का नाम नहीं जानता जिन्होंने मदद की, लेकिन शुक्रिया कहना चाहता हूं आपने ज़िंदगी बचाने में  अपना योगदान दिया है। लगातार कई महीने सूखा राशन और साथ में पैक्ड खाना बांटा गया। ये अभियान तब तक जारी रहा जब तक स्थिति कुछ सामान्य नहीं हुई। इसके साथ ही कई और फ्रंट चुनौती के लिए खुल गए थे, जिसे नज़रअंदाज़ नहीं कर सकते थे।

कई लोग घर लौटना चाहते थे, लेकिन उन्हें कोई सहारा नहीं मिल रहा था। जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह मदद के लिए आगे आए। उन्होंने बसों का इंतज़ाम किया, ज़रूरतमंदों को रास्ते का राशन मुहैया कराया और लोगों को घरों को घर भेजना हम सबने मिलकर शुरू किया। उन लोगों के फ़ोन आने शुरू हो गए जिनके घर पर या तो कोई बीमार था या किसी का निधन हुआ और वो घर नहीं जा पा रहे थे। धीरेन्द्र सिंह जी को तो रात के 3 बजे भी मदद के लिए फ़ोन लगाने में झिझक नहीं हुई, उन्होंने कभी किसी को ना नहीं कहा।

अचानक ग्रेटर नोएडा वेस्ट में कोरोना के कई मामले सामने आ रहे थे। लोगों में घबराहट बढ़ रही थी। हमारे टीम जागरूकता अभियान शुरू किया ये भरोसा लोगों को दिलाने की कोशिश की कि अस्पताल जाकर वो ठीक होकर लौटेंगे। जिम्स अस्पताल में लगातार जेवर के विधायक धीरेन्द्र सिंह जी की मदद मिल रही थी।

एक चुनौती थी टेस्टिंग, ज़्यादातर लोग टेस्टिंग के लिए जाने से घबराते थे। ग्रेटर नोएडा अथॉरिटी के सीईओ नरेंद्र भूषण ने इसका रास्ता निकला और टेस्टिंग सेंटर सोसाइटी पहुंचने का इंतज़ाम शुरू हुआ। इसमें भी कई साथियों ने सोसाइटी पहुंचकर कैंप को सफल बनाया और जो भी पॉजिटिव आये उन्हें भरोसा दिया कि आप ठीक होकर अस्पताल से लौटेंगे। इस मुहिम ने कोरोना संक्रमण का चेन तोड़ने में बहुत मदद की।

और भी बहुत कुछ हुआ जिस पर कभी एक किताब लिखने का प्रयास करूंगा की कैसे महामारी में इंसानियत ज़िंदा रही। पुलिस कमिश्नर और उनकी टीम का शुक्रिया जिन्होंने अपने जान की परवाह किए बिना लोगों तक हर सुविधा पहुंचाने की कोशिश की।दोस्तों 2021 आ चूका है..कोरोना का टीका आ गया है..लेकिन सावधानी अभी भी बरतनी ज़रूरी है। अगर सावधानी घटी तो परेशानी बढ़ सकती है। हमें एकजुट रहना है और हर चुनौती का मिलकर सामना सामना करना है और मुझे पूरा भरोसा है ज़रूर करेंगे। सन्देश लम्बा हो गया है इसलिए तमाम दूसरे संघर्षों का ज़िक्र नहीं कर रहा, उसपर अलग से अपनी बात लिखूंगा।

एक भरोसा देना चाहता हूं आप सबको ये संगठन आप सबका है। कहीं कमी दिखे तो उसे सही कराएं और ज़रूर बताएं।

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