यूपी रेरा के गलत नीतियों और शिथिलता से मजबूर नेफोवा के बैनर तले सैकड़ो की संख्या में घर ख़रीदारों ने फ्लैटों की रजिस्ट्री शुल्क कम करने और OC/CC प्राप्त फ्लैटों की अविलंब रजिस्ट्री कराने की माँग के साथ रेरा कार्यलय पर प्रदर्शन किया।
नेफोवा अध्यक्ष अभिषके कुमार ने बताया कि कर्नाटक और महाराष्ट्र सरकार ने घर खरीदारों के हित मे रजिस्ट्री शुल्क कम कर दिया है। उत्तर प्रदेश के घर खरीदारों को ऐसी ही कार्यवाही की माँग उत्तर प्रदेश सरकार से भी है। कोरोना काल के आर्थिक मंदी में सभी की आर्थिक हालत खराब है, रजिस्ट्री शुल्क कम होने से प्रदेश के लाखों खरीदारों को राहत मिलेगी।
अभिषेक कुमार ने बताया कि अनेकों घर खरीदार कई कई सालों से अपना घर मिलने का इंतजार कर रहे हैं, ऐसे में घर खरीदारों को घर का कब्ज़ा मिलने की ख़ुशी तो है परन्तु दो-दो तीन-तीन साल से अधिक समय से OC/CC मिले होने के बावजूद रजिस्ट्री ना होना चिंता का विषय है। कई ऐसे बिल्डर हैं जो फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं करा रहे। उन परियोजनाओं की संबद्ध प्राधिकरण से अधिभोग पत्र (OC/CC) भी जारी हो चुका है फिर भी बिल्डर फ्लैटों की रजिस्ट्री नहीं करा रहे।
अभिषेक कुमार ने यह भी कहा कि घर खरीदारों को प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया गया। इसका सबसे बड़ा वजह है रेरा का बिल्डरों के खिलाफ कठोर कार्यवाही ना करना। रेरा घर ख़रीदारों के पक्ष में फैसला तो देता है परंतु बिल्डर उस फैसले का पालन नही करता। आदेशों का पालन ना होने पर घर ख़रीदारों कि शिकायत पर रेरा कोई कार्यवाही नही करता। घर ख़रीदारों को मिलने और अपनी बात रखने का समय नही दिया जाता, वहीं बिल्डरों पर कार्यवाही ना करके उनकी बात सुन कर उन्हें और मोहलत दे दिया जाता है। आखिर रेरा घर ख़रीदारों का हित साधने के लिए बनाया गया है या फिर बिल्डरों को फायदा पहुंचाने के लिए?
अभिषेक कुमार ने बताया कि प्रदर्शन के दौरान यूपी रेरा को अपनी माँगो का ज्ञापन दिया गया। यूपी रेरा के चेयरमैन की तरफ से सोमवार का समय दिया गया है मिलने और बात करने के लिए। अगर सोमवार की मीटिंग में बातें नही मानी गयी तो यूपी रेरा कार्यलय पर अनिश्चित कालीन धरना प्रदर्शन करेंगे।