अत्यंत दुःखद घटना दादरी के डेरी स्कनर गाँव की सुदीक्षा भाटी, एक ऐसी बेटी जो भारत की बेटियों की काबलियत और उत्कर्ष का प्रतीक थी, सड़क हादसे की वजह से हमारे बीच नहीं रही. विगत 2018 में इन्हें 3 करोड 80 लाख की स्कॉलरशिप मिली थी वह अमेरिका की प्रसिद्ध यूनिवर्सिटी में पढ़ रही थी | कोरोना महामारी के दौरान वह अपने गाँव आ गई थी|
कल वह अपने चाचा के साथ बाईक पर सवार होकर अपने मामा के घर बुलंदशहर जा रही थी. बुलेट सवार मनचलों ने छेड़खानी प्रारंभ की और बाईक का संतुलन बिगड़ गया. गिरने से उनकी मृत्यु हो गई और एक प्रतिभा का दुखद अंत हो गया. ईश्वर उनकी आत्मा को शान्ति प्रदान करें.
यह दुर्घटना सरकार और कानून व्यवस्था का प्रश्न कदापि नहीं है. कानून यदि दोषियों को सजा न दे पाये तो यह उसकी असफलता कही जायेगी. इसको स्वीकार करना होगा कि उत्तर प्रदेश जैसे बड़े राज्य में कानून व्यवस्था बनाये रखना एक बड़ी चुनौती है, जिसका हल वर्तमान शासकों के पास नहीं है.
किन्तु यह समाज का नैतिक नेतृत्व करने वालों की असफलता अवश्य है. यह उस समाज की असफलता अवश्य है, जहाँ आज नैतिकता की बात करने वालों का परिहास किया जाता है.
यह उस आश्रम व्यवस्था और मंदिर संस्था की असफलता है, जो सनातन संस्कृति के पोषक होने का दावा करते हैं. यह बुलंदशहर की जनता की असफलता है, उत्तर प्रदेश की जनता की असफलता है और भारत की जनता की असफलता है.
सोचिये. कहाँ आ गये हम और अब इसका समाधान क्या है.