गीत, ग़ज़लें, यथार्थ, व्यंग, हास्य का मिश्रण काव्य कार्नर की आठवीं सफल ऑनलाइन क्रिएटिव मीट – अखिल भारतीय काव्य गोष्ठी

“जहाँ ना पहुँचे रवि, वहाँ पहुँचे कवि”, इस कहावत को चरितार्थ करते हुए काव्य कार्नर ने निरंतर कोरोना काल में ऑनलाइन क्रिएटिव मीट का आयोजन किया है।

काव्य कॉर्नर साहित्य, कला, संस्कृति एवं संगीत जैसी सभी विधाओं की प्रतिभाओं के प्रदर्शन का मंच है। जो न सिर्फ वरिष्ठ व विश्वप्रख्यात कवियों व कलाकारों को जोड़ता है, बल्कि नवांकुरों को भी बढ़ावा देता है ।

कोरोना काल में जहाँ हम अपने घरों मे क़ैद थे, वहीं दिनांक 7 जून, 2020 को एकलव्यम क्रिएशन के अंर्तगत ‘काव्य कार्नर’ के तत्वाधान में डिजिटल अखिल भारतीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया। काव्य कार्नर द्वारा आयोजित ऑनलाइन क्रिएटिव मीट का यह 8वाँ भाग था।

इस गोष्ठी में साहित्य से जुड़े श्री प्रवेंद्र पंडित (अलवर, राजस्थान), वरिष्ठ साहित्यकार श्री ईश कुमार गंगानिया (दिल्ली), श्री कुमार गुलशन (अलवर, राजस्थान), श्री विराट दीक्षित कानपुर (उत्तर प्रदेश), श्री उमाकांत शर्मा (भरतपुर, राजस्थान), आदरणीया आरती आलोक वर्मा (सिवान, बिहार), श्री मुकेश बिस्सा (जैसलमेर, राजस्थान), आदरणीया ईशा शर्मा गुप्ता (रामपुर, उत्तर प्रदेश) और श्री आमिर खान (रायबरेली, उत्तर प्रदेश) से शिरकत की।

इस गोष्ठी के स्पेशल गेस्ट रहे श्री प्रवेंद्र पंडित जी, जिनकी गितिकाओं नें काव्य गोष्ठी में समाँ बाँध दिया। वरिष्ठ साहित्यकार श्री ईश कुमार गंगानिया नें अपनी रचनाओं के माध्यम से समाज को एक संदेश देने की कोशिश की।

इस ऑनलाइन कवि सम्मेलन की सबसे सुंदर बात यह रही कि इसमें वरिष्ठ एवं उभरते कवियों और ग़ज़लकारों का अभूतपूर्व मेल था, जिसमें अनुभवों से सींचे शब्दों के साथ साथ नया जोश भी शामिल हुआ।

इस पूरे कार्यक्रम को बहुत खूबसूरती से एक साथ बाँधा, क्रिएटिव मीट की संचालिका एवं एकलव्यम क्रिएशन की संस्थापिका, लेखिका व कवियित्री डॉ. पूजा सिंह गंगानिया ने। साथ ही, काव्य कॉर्नर टीम की सदस्या आदरणीया शिल्पी चौहान ने बखूबी सभी का आभार व्यक्त करते हुए क्रिएटिव मीट का समापन किया। समाप्ति की ओर ले जाते हुए शिल्पी जी ने सभी प्रतिभागियों को इस विशेष सूचना से भी अवगत कराया की यह खूबसूरत श्रंखला उनके यूट्यूब चैनल ‘काव्य कॉर्नर’ पर जल्द ही प्रसारित होगी।

ऑनलाइन काव्य सम्मेलन के साथ साथ, काव्य कार्नर अपने फ़ेसबुक पर लाइव इवेंट्स भी करता है जिसमें वरिष्ठ एवं उभरते कवियों को सुनने का अवसर सभी लोगो को प्रदान किया जाता है।

उम्मीद है काव्य कार्नर आगे भी इस प्रकार के सोशल डिस्टेन्सिंग के दौर मे, कवियों और कला के बीच के फासलों को कम करता रहेगा।

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