कोरोना के बावजूद जीबीयू में विदेशों से नामांकन में कोई कमी नहीं

अब तक जीबीयू में आगामी सत्र के लिए आवेदनों की रफ़्तार अच्छी चल रही है। विदेशी छात्रों की आवेदन की संख्या अब तक लगभग १५० तक पहुँच चुकी है और विश्वविद्यालय इसकी और जाड़ा होने की उम्मीद कर रहे। विदेशों से आवेदनों में सबसे से ज़्यादा आवेदन हर वर्ष की भाँति इस वर्ष भी वीयट्नाम एवं म्यांमार से ही है और वो भी बौध अध्ययन संकाय के विभिन्न कार्यक्रमों के लिए ही है। इन दो देशों के अलावा थाईलैंड, कोमबिडिया, लाओस, इत्यादि साउथईस्ट एशिया के देशों से है।

विश्वविद्यालय के अन्य विभागों के लिए भी विदेशों से आवेदन आ रहे हैं लेकिन उनकी संख्या बौध अध्ययन विभाग के आवेदनों की संख्या से काम है। एशियाई देशों के अलावा अफ़्रीका के विभिन्न देशों से भी आवेदन आ रहे हैं लेकिन वो सारे के सारे इंडीयन काउन्सिल ओफ़ कल्चरल रेलेशंज़, भारत सरकार की तरफ़ से आ रही है। आईसीसीआर से आने वाले आवेदनों में भी बौध अध्ययन विभाग के विभिन्न कोर्सेज़ में ज़्यादा मात्रा में आवेदन है। आईसीसीआर वाले आवेदनों में बौध अध्ययन के बाद जिन संकायों में आवेदन आए हैं वो हैं ह्यूमैनिटीज़ एवं सोशल साइयन्स, इंजिनीरिंग, आईसीटी, मैनज्मेंट, इत्यादि के विभाग प्रमुखता से हैं।

कूल विदेशी आवेदनों की संख्या १०० पर काए चुकी है और इनकी संख्या में और वृद्धि की उम्मीद की जा रही है और इसका मुख्य कारण है विश्वविद्यालय द्वारा आईसीसीआर एवं आईबीसी (इंटर्नैशनल बुद्धिस्ट कन्फ़ेडरेशन) से संबद्धता। यहाँ यह बताना न्यायोचित होगा की इन संस्थाओं द्वारा विदेशी छात्रों को भारत में बौध अध्ययन करने के लिए प्रोत्साहित ही नहीं किया जाता अपितु छात्रवृत्ति भी प्रदान करती है। अतः विदेशी छात्रों में गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में अध्ययन हेतु इस वर्ष रूचि बधी है।

विदेशी छात्रों द्वारा आवेदनों की संख्या : १५०+
बौध अध्ययन में: १००+

भारतीय छात्रों के आवेदनों की कूल संख्या: १५०० के क़रीब हैं:
स्नातक कार्यक्रमों में : ८००
स्नातकोत्तर कार्यक्रमों में: ३५०
पीएचडी/मफ़िल: २५०

अब तक कूल संख्या १६५०+ है।

विदेशी छात्रों में कोरोना की वजह से जीबीयू आवेदन पर कोई असर नहीं

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