कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान गलगोटियास विश्वविद्यालय के द्वारा समय के सदुपयोग की एक अच्छी पहल की गयी है

आज पूरा देश में लॉकडाउन के साथ-साथ सामाजिक दूरी की प्रक्रिया को अपनाते हुए कोरोना से लड़ रहा है।इसी बीच में कुछ लोग
इन्टरनैट पर अनर्गल संदेशों को प्रेषित करके अफ़वाहें फैला कर अपने समय को बर्बाद कर रहे हैं।
परन्तु इस सब के बीच गलगोटियास विश्वविद्यालय ने प्रौद्योगिकी की उन्नति का सही सदुपयोग करते हुए
अपने विद्यार्थियों की ऑनलाइन कक्षाओं सुचारू रूप से चला रखीं हैं। 18 मार्च 2020 से, कक्षाएं ऑनलाइन मोड पर प्रभावी ढंग से संचालित की जा रही हैं।
इन कक्षाओं में लगभग 15000 से ज़्यादा विद्यार्थियों को शिक्षण दिया जा रहा है। विश्वविद्यालय के लिये
एक मजबूत एकीकृत एलएमएस प्रणाली के साथ ऑनलाइन क़क्षाएँ चलाना एक बहुत ही रोचक अनुभव रहा है। हम अपने यहाँ पर लगभग 120 कार्यक्रम, 1428 पाठ्यक्रमों, 15000 से ज़्यादा छात्रों और 600 से ज्यादा संकाय सदस्यों के साथ अपनी शिक्षण कक्षाएँ चला रहे हैं। ये संकाय सदस्य जो पहले से ही एलएमएस में प्रशिक्षित और नामांकित हैं। जो कक्षाएँ ली जा रही हैं उनके परिणामों का मूल्यांकन भी ऑनलाइन आयोजित किए गए हैं।

ऑनलाइन सीखने और सिखाने के लिए गैलगोटियास द्वारा अपनाई गई कार्यप्रणाली निम्नलिखित है:

• हमने सभी संकाय सदस्यों को वीडियो, ई-संसाधनों जैसे पीडीएफ फाइलों, ई-पुस्तकों और एलएमएस और ईआरपी पर अन्य ई-सामग्री के रूप में सभी समृद्ध सामग्री अपलोड करने के लिए कहा है।
वर्चुअल क्लास रूम के लिए, हमने अपने एलएमएस को इनबिल्ट फीचर्स के साथ इस्तेमाल किया है, जिसमें एल क्लास पाठ्यक्रमों में उपलब्ध छात्रों के साथ कम इंटरनेट बैंडविड्थ की आवश्यकता वाले वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में वर्चुअल क्लास रूम जैसे बिगबेल्यू बटन, और जूम हैं।
• प्रयोगशाला आधारित पाठ्यक्रमों के लिए, हमने कंप्यूटर विज्ञान के छात्रों के लिए वर्चुअल प्रोग्रामिंग लैब (वी०पी०एल०) का उपयोग किया है।
पाठ्यक्रम और छात्रों के लिए), वीडियो कॉन्फ्रेंस प्लेटफ़ॉर्म ज़ूम, वैबेक्स गूगल क्लास रूम और ज्यादा छात्रों के साथ बेहतर बातचीत को सक्षम करने और उनके सीखने के अच्छे परिणामों तक पहुंचने के लिए विभिन्न प्रकार तकनीकों की कोशिश की।
18 मार्च से 27 मार्च के बीच विश्वविद्यालय के 18 विभिन्न स्कूलों में कुल 10019 व्याख्यान आयोजित किए गए हैं, जिसमें गलगोटिया विश्वविद्यालय के 90.01% छात्र व्याख्यान में शामिल हुए और मूल्यांकन में भाग लिया। अब तक पूरे ऑनलाइन शिक्षण कार्यक्रम सुचारू रूप से चलाये गए हैं। इस कार्यप्रणाली में क्लास रूम टीचिंग, लर्निंग और असेसमेंट एक साथ किए गए। व्हाट्सएप जैसे सोशल नेटवर्किंग टूल का प्रभावी ढंग से उपयोग किया गया।
ज़ूम, एम०एस० (मूडलस, गूगल क्लासरूम, गूगल हैंगआउट, स्काइप, वर्चुअल लैब्स जैसे विभिन्न ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म का उपयोग प्रभावी रूप से सामग्री वितरण के लिए किया गया है।

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