सबसे बड़ी त्रासदी में निरन्तरता से परिपूर्ण सेवा व समर्पण के विलक्षण भाव की अनुभुती – कृष्ण कुमार गुप्त

हमारे सभी सेक्टर प्रभारी अपने-अपने क्षेत्र में पूरे जी-जान से लगे हुए हैं, ये वीडियो व तस्वीरें इस बात को कह रही हैं, इस ब्रह्माण्ड के ज्ञात मानव-इतिहास की कदाचित् सबसे बड़ी इस त्रासदी में प्रकृति द्वारा ली जा रही इस कठिन परीक्षा में जिस साहस, धैर्य, विनम्रता, दक्षता व कार्यों को परिणमित करने में द्रुतिगति बनाये रखने की अविचल एवं निष्क्लान्त ( बिना थके ) निरन्तरता से परिपूर्ण सेवा व समर्पण के विलक्षण भाव का कोई भी पुण्य-लाभ हम सभी को मिले या न मिले, किन्तु यह ध्रुव सत्य है कि यावज्जीवन हम सभी इस सबसे बड़ी चुनौती को पराजित करके अन्त में जिस विजय-मुद्रा में आत्मसन्तुष्टि का अन्तर्मन में अनुभव करेंगे व अपनी आने वाली पीढ़ी को इस कठिन क्षणों वाले घटनाक्रम में अपनी इस समय की निभायी गयी भूमिका का उल्लेख करते हुए भविष्य के लिए स्वच्छता ( Sanitation ) को निरन्तर बनाये रखने के लिए आगाह करते हुए उन्हें इसका आदी बनाते हुए कठिन क्षणों में भी जीवन जीने की कला सिखाते हुए इस देश और समाज के प्रति जो योगदान दे रहे होंगे, वह मानवजाति व इस सम्पूर्ण सृष्टि के लिए अनन्तकाल तक बहुमूल्य एवं चिरकाल तक अविस्मरणीय रहेगा ।

अतः अपने व अपने पूरे परिवार को अनवरत रूप से स्वस्थ, सुरक्षित व सजग रखते हुए सभी राजकीय व चिकित्सकीय मार्गनिर्देश का स्वयं पालन करते हुए दूसरों से भी उन्हें पूरी सहानुभूतिपूर्वक समझाकर पालन कराते हुए अपनी-अपनी भूमिका का पूरी निष्ठा एवं देशभक्ति के भाव से ओतप्रोत होकर निर्वाह करने के लिए हम सभी दायित्वबद्ध एवं संकल्पबद्ध हैं ।

सम्भव है कि हमारे बहुत सारे दायित्व वर्णित करके किसी कागज पर न लिखे गये हों, कदाचित् ऐसा इस महासंकट के समय तत्काल सम्भव भी नहीं है, किन्तु सामान्य जानकारी व मार्गनिर्देश से हम सभी भलीभाँति भिज्ञ हो चुके हैं, अब हम सभी बिना किसी से झुञ्झलाये सभी को उनके अप्रत्याशित प्रश्नों, जिसका उत्तर शायद किसी पुस्तक में भी इस समय नहीं लिखा मिलेगा, हमें सही-सही मार्गदर्शनान्वित उत्तर देकर ढाढ़स बंधाते हुए इस कठिन परीक्षा में 100% अंक प्राप्त करके उत्तीर्ण होना ही होगा, इसके अतिरिक्त अन्य कोई विकल्प नहीं है ।

उच्च स्तर से निर्गत हो रहे सभी निर्देशों को अनवरत रूप से पढ़कर उनका समयबद्ध अनुपालन सुनिश्चित करते हुए कहीं से भी कोई चूक नहीं होने देनी है । आज तक हमारे आदरणीय गुरुजनों ने हम जैसे कच्चे मिट्टी के लोष्ठ ( मिट्टी के टुकड़े ) को कुम्हार के सदृश चाक ( विद्यालय की कक्षा में ) पर पीटकर-थपथपाकर ज्ञान से परिपूरित करके इस देशसेवा के लिए तैयार किया था, कदाचित् वे गुरुजनों की अदृश्य आत्माएं भी आज हम सभी के समक्ष अपनी गुरूदक्षिणा-रूप यह सेवा प्रस्तुत करने के लिए अपना आँचल फैलाकर खड़ी हैं । आज उन्हें भी हमें निराश नहीं करना है । ” वसुधैव कुटुम्बकम् ” – पूरी पृथ्वी को परिवार समझने की हमारी प्राचीन संस्कृति एवं अद्भुत परिपाटी, जिसे पूरे विश्व ने अपनाया और इसी मूलमन्त्र के आधार पर भारत कभी विश्वगुरु रह चुका है, वह आज भी जीवन्त, शाश्वत एवं चिरस्थायी है, इसे पूर्णतः सिद्ध करने का पुनः समय आ गया है । हमारे GNIDA के सभी बहादुर स्टाफ़ अपनी प्रतिभा का जौहर दिखाते हुए सभी कठिन चुनौतियों का सामना करके सफल होने में अत्यन्त प्रवीण हैं ।

 

हमें पूर्ण विश्वास है कि GNIDA में कार्यरत हमारी सभी बहनें, जो विभिन्न पदों पर अपनी सेवाएँ देती रही हैं और उन्हें उनके आवासों पर ही आरक्षित करते हुए ऑनलाइन बने रहकर सभी निर्देशों का अनुसरण करते हुए अपने दायित्वों के निर्वहन हेतु आदेश हुआ है, वे सभी कभी भी इस संकट की घड़ी में बिना घबराये पूरे GNIDA परिवार के साथ एकजुटता पूर्वक एक दूसरे का दृढ़ सम्बल बनते हुए अपने-अपने दायित्वों को निभाते हुए साथ नहीं छोड़ेंगी । हम सभी को दिन-रात अपना फोन चार्ज रखकर प्रत्येक काल को रिसीव करते हुए अपनी भूमिका के अनुसार अपनी दक्षता प्रमाणित करनी है । इस भारत माँ की लाज बचाने के लिए हम सभी को प्राणपण से अपने सजग एवं सतर्क विवेक का परिचय देते हुए अपने उच्चाधिकारियों के लिए किसी प्रकार की असहज स्थिति उत्पन्न नहीं होने देनी है । इस देश के पूर्व प्रधानमन्त्री महान् कवि एवं साहित्यकार स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी की लिखी 51 ओजस्वी कविताओं में यह विश्वविश्रुत पंक्ति हमें इन कठिन क्षणों में उत्साह एवं प्रेरणा से भर देती है – ” हार नहीं मानूँगा💪, रार नयी ठानूँगा✊, काल के कपाल पर लिखता मिटाता हूँ✍️ , गीत नया गाता हूँ 🕵️‍♂️- गीत नया गाता हूँ….. । ” भारत माता की जय !!! जय हिन्द !!! – इस युद्ध में आपके साथ खड़ा आपकी फौज का एक विनयावनत💐 🙏 सिपाही 👮‍♂️ – कृष्ण कुमार गुप्त, IAS अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी, ग्रेटर नोएडा अथार्टी ।

 

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