ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के एसीईओ केके गुप्ता ने एक पत्र जारी करते हुए बताया है कि अपर न्यायालय भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम मेरठ के द्वारा फौजदारी विविध वाद संख्या 170/2019 कुलदीप सिंह बनाम पूर्व सीईओ रमारमण आदि में इसी वर्ष 1 मार्च को इस आशय के साथ निर्णय पारित किया गया कि धारा-420,467 , 471 , 120बी समेत अन्य धाराओं में भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के अधीन थाना कासना में विपक्षीगण के खिलाफ एफआईआर दर्ज करके विवेवचना करके रिपोर्ट न्यायालय में पेश की जाय।
उन्होंने बताया कि यह प्रकरण ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण से संबंधित था , इसलिए तुरंत कार्यवाही करते हुए न्यायालय के निर्णय की फ़ाइल मांगकर तीन अधिकारियों जिसमे, नियोजन, परियोजन व भूलेख के अधिकारी शामिल थे। उनकी एक टीम गठित करके स्थल का निरिक्षण करते हुए मामले की जांच कराई। साथ ही साथ विशेष कार्याधिकारी सचिन कुमार सिंह के स्तर से प्रकरण में लापरवाही बरतने वाले अधिकारी व कर्मियों को चिन्हित करते हुए जांच कराई गई।
उन्होंने बताया कि इस प्रकरण में प्राधिकरण द्वारा कराई गई जांच में तत्कालीन तहसीलदार मनोज कुमार , सर्वे अमीन देवेंद्र पताप सिंह और श्रीपाल सिंह ( अभी फिलहाल ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत है ) को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इस मामले में आगे की विभागीय जांच अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी दीप चंद्र करेंगे और मनोज कुमार के खिलाफ कार्यवाही करने के लिए उत्तर प्रदेश शासन व राजस्व परिषद् को पत्र भेज दिया गया है।