ग्रेटर नोएडा स्थित गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय में हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी दावत – ए – जीबीयु का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के सभी छात्र एवं छात्राएँ बडे हर्ष एवं उल्लास के साथ प्रतिभाग करते हैं। पिछले तीन वर्षों से देशी एवं विदेशी व्यंजनों का स्टाॅल लगता है।
इस कार्यक्रम को वार्षिक उत्सव के रूप में हर वर्ष आयोजित करते हैं। कार्यक्रम में भारतीय व्यंजनों के साथ-साथ विदेशी छात्रों ने अपने अपने देश के पकवान से भी अन्य विद्यार्थियों एवं शिक्षकों तथा कर्मचारियो को रूबरू कराया। पकवान के साथ साथ छात्रों ने प्रतियोगी खेलों से भी सब का मनोरंजन किया।
इस कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भगवती प्रकाश शर्मा एवं कुलसचिव श्री बच्चु सिंह के साथ विश्वविद्यालय के सभी शिक्षकों एवं कर्मचारीयों भाग ही नहीं लिया अपितु विभिन्न पकवानों का स्वाद लिया और प्रतियोगी खेलों का भी आनन्द लिया।
दावत ए जीबीयु में लगभग 50-60 स्टाॅलें लगी थी। अधिकतर पकवानों की स्टाॅलें बाहर की थीं एवं प्रतियोगी खेलों की स्टाॅलें जीबीयु के छात्र-छात्राऔं ने लगाए थे। विदेश छात्रों के सटाॅलें काफी आकर्षक ढंग से सुसज्जित किया गया था जो उनकी अलग संसकृति को भी प्रदर्शित कर रहे थे। खास कर वियतनामी छात्रों का सटाॅल आकर्षण का मुख्य केन्द्र था।
इस वर्ष जीबीयु ने आस-पास के विश्वविद्यालय के छात्रों को भी इस कार्यक्रम में भारतीय व्यंजनों के साथ साथ खेलों का भी आनन्द लेने हेतु आमंत्रित किया गया था। बाहरी छात्रों के प्रवेश हेतु उसने प्रवेश शुल्क लिया गया। इसके बावजूद भी काफी बाहरी छात्रों ने भाग लिया। प्रवेश शुल्क से जो भी धन एकत्र होगी वो सारी धन राशि पुलवामा में शहीद हुए सेना के जवानों की सहायता हेतु प्रधान मंत्री के में जमा की जाएगी। उनके लिए एक विशेष पहचान पत्र भी जारी की गई थी।
विश्वविद्यालय के सभी नामचीन लोगों ने भाग लिया एवं छात्रों की मेहनत की सराहना की। प्रमुख लोगों में प्रो अनुराधा मिश्रा, प्रो श्वेता आनन्द, एवं अन्य शिक्षकों ने भी शिरकत की।
इस कार्यक्रम का आयोजन की पुरी ज़िम्मेदारी मुख्य रूप से हिमानी सिंह, अक्षय, रिसभ, ऋसटी एवं सूर्या ने लिया था। इस कार्यक्रम के सफल आयोजन में इन छात्रों की अथक परिश्रम ही है।
बाहरी छात्रों के प्रवेश टिकट से एकत्र किए गए धन सीधे ‘भारत के वीर कॉर्पस फंड खाते में दान कर दिए जाएंगे, पुलवामा हमले में शहीद हुए सैनिकों के परिवारों के लिए।