साधू के वेश में सीता हरण करने आया रावण

श्री धार्मिक रामलीला ग्रेटर नोएडा सेक्टर पाई 1 समिति की ओर से आयोजित श्री सुशील गोस्वामी जी के कुशल निर्देशन में रामलीला में सीता हरण प्रसंग का मंचन किया गया। शुरुआत शूर्पणखा द्वारा वन में रामचंद्रजी जी से विवाह का प्रस्ताव से हुई। रामचंद्रजी स्वयं के विवाहित होने की बात कह लक्ष्मण जी की ओर से इशारा करते हैं। लक्ष्मण जी द्वारा भी विवाहित होने तथा विवाह प्रस्ताव अस्वीकार करने पर शूर्पणखा क्रोधित हो जाती है और सीताजी को मारने के लिए दौड़ती है, किंतु लक्ष्मण जी शूर्पणखा के इस व्यवहार को अक्षम्य मानते हुए उसके नाक व कान काट देते हैं। इससे शूर्पणखा भयभीत होकर रावण के पास पहुंचती है तथा बदला लेने के लिए सीताजी का हरण करने के लिए उकसाती है। रावण मारीच को भेजता है जो स्वर्ण मृग बनकर सीताजी को मोहित करता है और सीताजी रामचंद्रजी से वध के प्रेरित करती हैं। राम चले जाते है तो लक्ष्मण-लक्ष्मण की आवाज आने पर लक्ष्मण अग्नि रेखा खींच कर चले जाते हैं। इसी दौरान रावण साधु का भेष धर कर सीताजी को भिक्षा के नाम पर अग्नि रेखा से बाहर आते ही हरण कर ले जाता है। राम-लक्ष्मण के लौटने पर सीताजी नहीं मिली तो दारुण दृश्य हो जाता है। राम-लक्ष्मण सीताजी की खोज के लिए निकल पड़ते हैं और शबरी से भेंट करते हैं। सीता हरण प्रसंग काे देखने के लिए आज बड़ी तादाद में दर्शक पहुंचे।
श्री सुशील गोस्वामी जी महाराज राजकुमार नागर शेर सिंह भाटी अध्यक्ष आनंद भाटी बालकिशन सफीपुर धीरेंद्र भाटी सुशील नागर अजय नागर ममता तिवारी इलम सिंह नागर पी पी एस नागर प्रदीप पंडित महेश शर्मा मीडिया प्रभारी चैनपाल प्रधान वीरेंद्र मिश्रा जितेंद्र भाटी ब्रजपाल नागर रोशनी सिंह अर्चना शर्मा पिंकी अरुणा शर्मा नीलम यादव शांति उमेश गौतम मंचन देखने के लिए मैदान में भारी संख्या में भीड़ उमड़ी।

Share