आई टी एस डेंटल काॅलेज ग्रेटर नोएडा द्वारा तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर युवाओं में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से आज संस्थान के 400 विद्यार्थियों और शिक्षकों द्वारा विशाल रैली का आयोजन किया गया।
तम्बाकू व धुम्रपान के सेवन से होने वाली बीमारियों जैसे – कैंसर, दमा, रक्त चाप और नपुंसकता आदि के जानकारी के अभाव सें भारत वर्ष मे प्रति वर्ष लाखो लोगो की मौत हो जाती है । आई0 टी0 एस0 डेंटल काॅलेज के छात्रों द्वारा धुम्रपान से होने वाली ऐसी बीमारियों की जानकारी एवं इलाज के तरीको को मुख्यत़ः गरीब जनता व युवा पीढ़ी को जागरूक करने हेतु विशाल रैली के आयोजन के साथ-साथ नुक्कड नाटक श्दहशत“ का आयोजन किया गया।
संस्थान के विद्यार्थियों द्वारा शारदा विश्वविद्यालय, जी0एल0बजाज, पीआईआईटी, ईशान काॅलिज, जगत फार्मस तक रैली निकालते हुए पोस्टर, बैनर व नुक्कड नाटक के माध्यम से इसके होने वाले नुकसान के बारे में जनसाधारण को समझाने का अदभुत प्रयास किया।
तम्बाकू व धुम्रपान करने के खिलाफ विशेष जागरूकता अभियान में संस्थान के छात्रों ने शिक्षकों की मदद से तम्बाकू व धुम्रपान से होने वाली बीमारी को पोस्टर, वाल पेंटिंग, नुक्कड नाटक के माध्यम से इसके फलस्वरूप होने वाली बीमारियों से मरीजों और युवा भारतीय पीढ़ी को कड़वा लेकिन सत्य संदेश देने का प्रयास किया।
इस अवसर पर आयोजित सभा के मुख्य अतिथि धर्मशिला हाॅस्पिटल के डायरेक्टर डाॅ0 अंशुमन कुमार ने युवा पीढी को आगाह करते हुए बताया कि भारत देश युवाओं का देश है। भारत देश में लगभग 47.9 प्रतिशत पुरूष तथा 20.3 प्रतिशत महिलाएं धुम्रपान का सेवन करती हैं। डाॅ कुमारने अपने सम्बोधन में कहा कि धुम्रपान से होने वाली बीमारी मुख्यतः मुख कैंसर के रोकथाम में दांतों के डाॅक्टरों की भूमिका बडी अहम होती है क्योंकि ज्यादातर मरीज दांतों के इलाज हेतु जब डेंटिस्ट के पास जाते हैं तो वे मरीजों के मुख का प्राथमिक निरीक्षण करते हैं।
इसकी जानकारी सही समय पर मरीजों को देते हुए उनको सम्बंधित विशेषज्ञ के पास भेजकर सही समय पर इलाज कराने की सलाह देकर उनकी जान बचाई जा सकती है।उन्होनेंसंस्थान के विद्याार्थियों और शिक्षकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि आज जरूरत इस बात की है कि हम सभी लोग मिलकर धुम्रपान से होने वाली बीमारियों का व्यापक प्रचार करते हुए युवाओं को इसे छोडने की अपील करें।
संस्थान के वाइस चेयरमैन श्री सोहिल चडढा ने कहा कि ज्यादातर तम्बाकू से होने वाली बीमारी एवं मृत्यु मुख्यतः 35 से 50 वर्ष की आयु में होती है जो कि हमारे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण समय है। उन्होने ने कहा कि तम्बाकू सेवन न केवल एक सामाजिक बुराई है अपितु परिवार एवं देश पर एक वित्तीय बोझ भी है। उन्होने सभी से अपील करते हुए कहा कि हमें अपनी जीवन शैली में यह नारा अपनाना चाहिए।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक. प्रधानाचाय डाॅ0 अक्षय भार्गव ने युवा पीढी को आगाह करते हुए बताया कि भारत देश युवाओं का देश है। इसी को ध्यान में रखते हुए निजी कम्पनियां युवाओं को गुमराह करते हुए धुम्रपान को फैशन से जोडते हुए भारतीय युवाओं को धुम्रपान करने के लिए आकर्षित करते हुए अपने कारोबार को बढा रही है और युवाओं के भविष्य को अंधकार में ढकेल रही है।इस अवसर पर जानकारी देते हुए उन्होनें कहा कि इस वर्ष विश्व स्वास्थ्य संगठन का मुख्य उददेश्य भी तम्बाकू के प्रचार-प्रसार व इसके प्रयोजन पर पूरी तरह से रोक लगाना है।डाॅ भार्गव ने अपने सम्बोधन में कहा कि भारतीय युवाओं के साथ साथ ग्रामीणांचल और कस्बों में रहने वाले गरीब व मजदूर भाइयों में भी नशा करने की प्रविर्ती ज्यादा पाई जाती है।उन्होनें बताया कि संस्थान द्वारा तम्बाकू विमुक्ति केन्द्र भी चलाया जा रहा है जहाँ पिछले एक वर्ष में 800 से अधिक मरीजों को निःशुल्क तम्बाकू संबंधित रोगों की जानकारी दी गयी तथा तम्बाकू की लत छोड़ने में सहायता प्रदान की।
संस्थान के वाइस चेयरमैन श्री सोहिल चडढा और सचिव श्री बी0 के0 अरोड़ा ने संस्थान के विद्याार्थियों और शिक्षकों द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि आई0 टी0 एस0 परिवार हमेशा से ही गरीब मरीजों व समाज के हितों के लिए प्रयास करता रहा है और भविष्य में भी आगे बढकर करता रहेगा।