ईश्वर एस रेड्डी(ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ) -"भारत में फार्मेसी के मानक उच्च कोटि के हैं परन्तु समस्या यह है की उनका क्रियान्वयन ठीक प्रकार से नहीं होता है "
ईश्वर एस रेड्डी(ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ) –.हमे ऐसे शिक्षकों की जरूरत है जो केवल पढ़ाएं ही नहीं बल्कि बच्चों को नैतिकता एवं मूल्यों की शिक्षा भी दे
लॉयड इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट एंड टेक्नोलॉजी के फार्मेसी विभाग और फार्मास्युटिकल टीचर्स ऑफ इंडिया (एपीटीआई) ने दो दिवसीय 22 वें वार्षिक राष्ट्रीय कांफ्रेंस का आयोजन किया जिसका विषय था – "शिक्षा के लिए प्रासंगिक फार्मेसी प्रथाओं की वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए चुनौतियां" .
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि ईश्वर एस रेड्डी(ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ़ इंडिया ) थे. उन्होंने कहा की भारत में फार्मेसी के मानक उच्च कोटि के हैं परन्तु समस्या यह है की उनका क्रियान्वयन ठीक प्रकार से नहीं होता है .हमे ऐसे शिक्षकों की जरूरत है जो केवल पढ़ाएं ही नहीं बल्कि बच्चों को नैतिकता एवं मूल्यों की शिक्षा भी दे .शिक्षक आसानी से छात्रों को उपलब्ध होना चाहिए ताकि छात्र आसानी से शिक्षा ले सके .सभी सरकारी विभागों में ऐसी व्यवस्था होनी चाहिए की जनता अधिकारी से आसानी से मिल सके और अपनी समस्या कह सके .
अन्य सम्मानीय अतिथि थे अतुल नासा (डिप्टी ड्रग्स कंट्रोलर ,दिल्ली.),डॉ प्रवीण चौधरी (अध्यक्ष ऐ पि टी आई ),डॉ अमन दांग (सचिव ,ऐ पि टी आई),प्रो आर के गोयल (वी सी ,दिल्ली स्कूल ऑफ़ फार्मेसी ) थे .कांफ्रेंस में पूरे भारत से 32 से अधिक कॉलेजों के 250 प्रतिनिधियों ने सक्रिय भागीदारी दिखाई , जिसमें फार्मेसी बिरादरी के शिक्षक और शोधार्थी भी शामिल थे।
लॉयड ग्रुप के चैयरमेन मनोहर थीरानी ने कहा की फार्मा का क्षेत्र बहुत व्यापक है . भारत में ही नहीं बल्कि पूरे विस्व में फार्मा क्षेत्र में संभावनाएं हैं .भारत फार्मा के क्षेत्र में निरंतर प्रगति कर रहा है .शिक्षा की भूमिका हमेशा से महत्वपूर्ण रही है .किसी भी देश की बुनियाद शिक्षा पर ही आधारित है .