“कानून की मंशा है कि बेशक सौ दोषी बच जाये, ले किन निर्दोष जेल नही जाना जाहिए’’

> पुलिस के डर से अपराधी अपना जुर्म कबूल रहे हैं, लेकिन पीडिता ने उन्हें पहचानने से साफ इंकार कर दिया। पुलिस की कार्यवाही को लेकर पीडिता व उसका परिवार तथा साथ गये ग्रामीण पूरे मामले को संदेह के घेरे में मानकर चल रहे हैं।
> ज्ञात रहे कि दिनांक 1/2 नवम्बर 2016 की रात्रि को यमुना एक्सप्रेस-वे से लगे हुये जनपद गौतमबुद्धनगर के रबूपुरा थाना अन्तर्गत लगातार हुई 02 गम्भीर घटनाओं ने उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था पर प्रश्नचिन्ह लगा दिया था। रात को 12:30 बजे डकैती और सामूहिक बलात्कार तथा उससे 05 घंटे पूर्व एक महिला व उसके पति के साथ हुई राहजनी में पुलिस सुरक्षा के दावों की पोल खोलकर रख दी थी तथा पुलिस की कार्यशैली और बदमाशों के बढ रहे हौंसलों के खिलाफ क्षेत्र की जनता सडकों पर आ गयी थी, जिसके चलते पुलिस भारी दबाव में थी, उसी के चलते आज दिनांक 26 नवम्बर 2016 को रबूपुरा पुलिस द्वारा जनपद अलीगढ के अनमोल उर्फ अन्नू पुत्र श्री उदयवीर व एक अन्य बदमाश को पकडा गया तथा उनकी शिनाख्त के लिए भटटा मालिक, पीडिता व उसके परिवार वाले तथा अन्य ग्रामीणों को थाने बुलाया गया, जहां पीडिता ने पकडे गये दोनों लोगों को पहचानने से इंकार कर दिया तथा पीडिता के साथ गये ग्रामीणों को भी पुलिस द्वारा बनायी गयी थ्योरी पर विश्वास नही हुआ, क्योंकि अगर पकडे गये बदमाश सही हैं तो फिर पीडिता ने इंकार क्यों किया तथा फलैदा गांव की रहने वाली सरवेश देवी से पाजेब, कुंडल और पैंडल लूटा गया था, उसकी बरादमगी क्यों नही की गयी।
> वरिष्ठ किसान नेता ठाकुर धीरेन्द्र सिंह ने पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही पर संदेह जताते हुए कहा कि ’’बिना, दुष्कर्म पीडित महिलाओं की शिनाख्त के अगर किसी निर्दोष को जेल भेजा गया तो उसके परिणाम अच्छे नही होंगे। गरीब और न्याय की लडाई को आखिरी दम तक लडा जायेगा। शीध्र ही पीडित परिवारों को प्रेस के सामने प्रस्तुत कर, असलियत को उजागर किया जायेगा।’’
> पीडित परिवार के साथ जाने वालों में ठाकुर तेजपाल सिंह, जगवीर सिंह, राजकुमार सिंह, चौधरी अमरपाल सिंह, धर्मेन्द्र सिंह, उदयवीर सिंह व विजयपाल सिंह आदि लोग मौजूद रहे।

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