जीबीयू में हर वर्ष भारतीय सांस्कृतिक विरासत कार्यक्रम किए जाएंगे आयोजित

Greater Noida (30/03/19) : गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो भगवती प्रकाश के दिशा-निर्देश मे यह निर्णय लिया है कि विश्वविद्यालय हर वर्ष भारतीय सांस्कृतिक विरासत कार्यक्रम के तहत भारतीय परम्परा एवं संस्कृति से छात्रों को रुबरू करने के उद्देश्य से कार्यक्रम बडे हर्ष एवं उल्लास और बिना किसी भेदभाव के मनाया जाएगा।
भारतीय सांस्कृतिक विरासत कार्यक्रम को छात्रों के बीच एक श्रृंखला के रूप में हर वर्ष आयोजन किया जाएगा। इस श्रृंखला में आज का कार्यक्रम एक मील का पत्थर साबित होगा। काफी विचार विमर्श एवं मंथन के पश्चात इस वर्ष का विषय-वस्तु ‘उतर पूर्व भारत की सांस्कृतिक विरासत को छात्रों के बीच परोसने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए आयोजकों ने दिल्ली और उसके आसपास के विश्वविद्यालयों को समपर्क किया गया एवं उनसे अनुरोध किया गया कि वो अपने अपने विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण कर रहे उतर पूर्व भारत के छात्रों को इस कार्यक्रम रूपी  उत्सव में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित करें । इस अवसर पर दिल्ली एवं नॉलेज पार्क के कई शिक्षण संस्थानों के छात्रों ने हिस्सा लिया।
गौतम बुद्ध विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम के माध्यम से हिमालय और उत्तर-पूर्व भारतीय राज्यों में सांस्कृतिक परंपराओं से छात्रों को हिमालय की सांस्कृतिक विरासत को बढ़ावा देना, संरक्षित करने एवं उससे रूबरू होने का मौका मिला।
 उत्तर प्रदेश के मुख्य सूचना आयुक्त सुभाष चंद्र सिंह, उद्घाटन सत्र के मुख्य अतिथि रहे। मुख्य अतिथि ने उतर पूर्व भारतीय सांस्कृतिक विरासत को इस तरह से छात्रों के बीच परोसने की सराहना करते हुए कहा कि इससे छात्रों को परिचित होने अवसर ही नहीं मिला अपितु एक दूसरे को अच्छी तरह से समझने का भी अवसर मिला । यह एक बहुत ही मनोरंजक कार्यक्रम रहा। इस कार्यक्रम मेंविश्वविद्यालय़ी के छात्रों एवं शिक्षकों तथा कर्मचारियो ने बडी संख्या सहभागिता की।
उत्तर पूर्व भारत  में 7 सन्निहित राज्य अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय, मणिपुर, मिजोरम, नागालैंड और त्रिपुरा शामिल हैं, इसलिए इसे भारत के सेवन सिस्टर स्टेट्स के रूप में भी जाना जाता है।
कुलपति प्रो भगवती प्रकाश शर्मा ने कहा कि भारत में विशाल प्राकृतिक संसाधनों और विभिन्न लोगों और संस्कृतियों की एक मिश्रण देखने को मिलता है।
उतर पूर्व भारतीय भु-भाग एक ऐसा जगह है जहाँ प्राचीन भारतीय सांस्कृतिक विरासत को आज भी वहाँ के लोगों के जीवन शैली में देखी जा सकती है।
भारत का यह भाग अपनी विशिष्ट संस्कृति और पारंपरिक जीवन शैली के लिए जाना जाता है। उत्तर पूर्व क्षेत्र हिंदू, ईसाई, मुस्लिम और बौद्ध धर्म की मिश्रित संस्कृति प्रदान करता है, बौद्ध सांस्कृतिक एक महत्वपूर्ण स्थान है और अन्य धर्मों की तुलना में बड़ी संख्या में जातीय समूह हैं। इन राज्यों के प्रत्येक आदिवासी समूह की अपनी अनूठी आदिवासी संस्कृति, आदिवासी लोक नृत्य और भोजन और शिल्प हैं।
कुलपति प्रो भगवती प्रकाश शर्मा ने यह घोषणा की कि कोई भी उतर पूर्व के छात्र चाहे वो किसी भी विश्वविद्यालय के छात्र हो वो हमारे विश्वविद्यालय में किसी भी प्रकार की मदद के लिए आमंत्रित है।
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