टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (16 नवंबर 2024): नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और गुरुग्राम में पिछले पांच वर्षों में आवासीय संपत्तियों की कीमतों में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर 2019 से 2024 तक इन क्षेत्रों में कीमतों में औसतन 137 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
कीमतों में तेज वृद्धि
नोएडा में आवासीय संपत्तियों की कीमतों में सबसे तेज़ वृद्धि देखी गई, जहां कीमतें 152 प्रतिशत बढ़कर ₹5910 प्रति वर्ग फीट से ₹14,946 प्रति वर्ग फीट तक पहुँच गई हैं। गाजियाबाद में 139 प्रतिशत (₹3691 से ₹8823 प्रति वर्ग फीट), गुरुग्राम में 135 प्रतिशत (₹8299 से ₹19,535 प्रति वर्ग फीट) और ग्रेटर नोएडा में 121 प्रतिशत (₹3900 से ₹8601 प्रति वर्ग फीट) की वृद्धि दर्ज की गई है।
बड़े ढांचागत विकास का असर
प्रॉपइक्विटी के संस्थापक और सीईओ समीर जसूजा के अनुसार, इन क्षेत्रों में हुए बड़े ढांचागत विकास, जैसे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, द्वारका एक्सप्रेसवे, दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे और रैपिड रेल परियोजनाओं ने इस वृद्धि को उत्प्रेरित किया। जसूजा ने यह भी बताया कि कोरोना महामारी के दौरान रियल एस्टेट में निवेशकों और घर खरीदने वालों का रुझान तेजी से बढ़ा, जिससे बाजार को नया जीवन मिला।
भूमि और निर्माण लागत में वृद्धि
इसके अतिरिक्त, भूमि और निर्माण लागत में वृद्धि, ब्रांडेड डेवलपर्स का उभरना और सरकार द्वारा उठाए गए सुधारात्मक कदम भी इस बदलाव के अहम कारण हैं। जसूजा ने यह भी कहा कि एनसीआर के प्रमुख बाजारों ने टियर-1 शहरों को पीछे छोड़ते हुए बेहतर प्रदर्शन किया है।
आवास आपूर्ति और अवशोषण में बदलाव
आवास आपूर्ति में भी महत्वपूर्ण बदलाव आए हैं। नोएडा में आपूर्ति में 41 प्रतिशत की गिरावट आई है, जबकि गुरुग्राम में 222 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई। गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में क्रमशः 14 प्रतिशत और 36 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। हालांकि, अवशोषण (demand absorption) में गिरावट आई है, जहां गुरुग्राम को छोड़कर अन्य क्षेत्रों में कमी आई। गुरुग्राम में अवशोषण में 157 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जबकि नोएडा, गाजियाबाद और ग्रेटर नोएडा में क्रमशः 55 प्रतिशत, 31 प्रतिशत और 39 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है।
रुकी हुई परियोजनाओं का मुद्दा
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यूपी सरकार के प्रयासों से रुकी हुई परियोजनाओं में कमी आई है। ग्रेटर नोएडा में 167 रुकी हुई परियोजनाओं के तहत 74,645 इकाइयां, नोएडा में 103 परियोजनाओं के तहत 41,438 इकाइयां, गाजियाबाद में 50 परियोजनाओं के तहत 15,278 इकाइयां और गुरुग्राम में 158 परियोजनाओं के तहत 52,509 इकाइयां रुकी हुई हैं।
कुल मिलाकर, एनसीआर में आवासीय संपत्तियों की कीमतों में भारी वृद्धि और विकास की गति ने इस क्षेत्र को एक प्रमुख रियल एस्टेट हब बना दिया है। हालांकि, आपूर्ति में असमानताएं और रुकी हुई परियोजनाओं के मुद्दे भी इस क्षेत्र के लिए चुनौतियां बने हुए हैं।।
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