नई दिल्ली, सितंबर 2024 – दिल्ली-एनसीआर के प्रदूषण की गहराई से समझ और उसके प्रकरणों का अध्ययन करने के लिए सीएसआईआर-राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला (एनपीएल) ने एक अनूठी पहल की है। इस अध्ययन में गलगोटियास विश्वविद्यालय सहित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (टीआईएफआर), नॉर्थ ईस्टर्न स्पेस एप्लिकेशंस सेंटर (एनईएसएसी), और सीएसआईआर-राष्ट्रीय एयरोस्पेस प्रयोगशालाएं (एनएएल) जैसे प्रमुख संगठन शामिल हैं। इस अध्ययन के तहत ड्रोन और टेथर्ड बैलून (काइटून) का उपयोग कर विभिन्न ऊंचाइयों पर वायु गुणवत्ता और मौसम संबंधी मापदंडों का निरीक्षण किया जाएगा।
इस प्रयोग का उद्देश्य कणीय पदार्थों के भौतिक-रासायनिक गुणों और उनके सांद्रण में ऊंचाई के अनुसार होने वाले बदलावों का पता लगाना है। अध्ययन सितंबर में कम प्रदूषण की स्थिति और अक्टूबर में उच्च प्रदूषण की स्थिति के दौरान किया जाएगा। इससे धुंध बनने की प्रक्रिया और प्रदूषण निर्माण की परिस्थितियों को बेहतर ढंग से समझने में मदद मिलेगी।
प्रमुख स्थल:
- गलगोटियास विश्वविद्यालय (ग्रेटर नोएडा, उत्तर प्रदेश)
- महार्षि दयानंद विश्वविद्यालय (रोहतक, हरियाणा)
- सीएसआईआर-एनपीएल (नई दिल्ली)
अवलोकन की समय योजना:
- 25-30 सितंबर 2024: वायुमंडलीय पृष्ठभूमि के अवलोकन
- 18-28 अक्टूबर 2024: प्रदूषण निर्माण की स्थितियों के दौरान अवलोकन
बैलून और ड्रोन के माध्यम से कणीय पदार्थ, वाष्पशील जैविक यौगिक और सूक्ष्मजीवों की जांच की जाएगी। बैलून पर लगे उपकरणों से प्राप्त डेटा प्रदूषण नियंत्रण के उपायों में मदद करेगा और प्रदूषण के स्वास्थ्य पर पड़ने वाले प्रभावों को समझने में योगदान देगा। यह आंकड़े क्षेत्रीय जलवायु परिवर्तन के आकलन में भी अनिश्चितताओं को कम करने में सहायक होंगे।