कानूनी शिकंजे से बचने के लिए विदेश भागने क ी फ़िराक में बिल्डर

नोएडा ग्रेटर नोएडा में बिल्डरों के अधूरे प्रोजेक्टों को लेकर पुलिस-प्रशासन के नए तेवरों से धोखाधड़ी में माहिर बिल्डरों में खलबली मच गई है। जिस तरह बेंको को कई हज़ार करोड़ का चुना लगाकर बिजनेसमैन विजय माल्या फरार हो गया। और अब भारत सरकार उस पर नकेल कस रही है ठीक उसी तरह उत्तर प्रदेश सरकार भी बिल्डरों पर भी शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है , इससे लोगो को गुमरहा करके पैसा ठगने वाले बिल्डर काफी बैचेन हो गए है , कारवाई से बचने के लिए बहार भागने की जुगाड़ में लगे है , इनमें बड़े प्रोजेक्टों में शेयर कर पब्लिक से पैसा बटोरने वाले बिल्डर कानूनी शिकंजे से बचने के लिए विदेश भागने की तैयारी कर रहे हैं। इनमें कई विजय माल्या की तरह इंग्लैंड, फिनलैंड या ऐसे देशों में ठिकाना ढूंढ चुके हैं या ढूंढ रहे हैं, जहां से वापस भारत लाना मुश्किल हो। हाल ही में नोएडा व ग्रेटर नोएडा में आधा दर्जन बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो चुकी है। पुलिस प्रशासन को बायर्स के तेवर और राज्य सरकार की मंशा के हिसाब से कानूनी कार्रवाई करनी होगी। आने वाले दिनों में ये तेवर और भी सख्त हो सकते हैं। इसकी वजह यह है कि नोएडा, ग्रेटर नोएडा व यमुना अथॉरिटी के बिल्डरों पर लगभग 30 हजार करोड़ रुपये फंसे हैं। इसके साथ ही पब्लिक से भी इन बिल्डरों ने लगभग 20 हजार करोड़ रुपये ले रखे हैं। रियल एस्टेट के एक्सपर्ट्स का मानना है कि लगभग एक लाख करोड़ रुपये बैंक व वित्तीय संस्थानों के भी तीनों शहरों में लगे हैं जो बिल्डर ने लोन के रूप में ले रखा है। ऐसे में कानूनी शिकंजा तेज होने के बाद अब बिल्डर व उनसे जुड़े डायरेक्टर कभी भी विदेश जा सकते हैं। सूत्रों ने दावा किया है कि कई बिल्डरों ने मनी लॉन्ड्रिंग के जरिये रकम शिफ्ट कर विदेशों में संपत्ति बना रखी है। हाल ही में दक्षिण अफ्रीका के देश में इनवेस्ट की गई रकम में नोएडा के भी दो बिल्डरों के नाम सामने आए हैं।

उधर, केंद्र सरकार की बेनामी प्रॉपर्टी एक्ट के प्रभावी होने व इनकम टैक्स के सक्रिय होने का प्रेशर भी बिल्डरों के दिलोदिमाग पर छाया हुआ है। पुलिस के एक अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जिन बिल्डरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है, उनके पासपोर्ट व अन्य दस्तावेजों को लेकर जल्द ही कार्रवाई होने वाली है। इससे अथॉरिटी व बैंक के साथ-साथ पब्लिक में भी अपनी रकम डूबने की आशंका पैदा हो रही है।

गौरतलब है कि जनवरी, 14 में नोएडा के एक बिल्डर शिवकला ग्रुप के एमडी महिम मित्तल को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया था। वह और उसका भाई असित मित्तल अभी भी जेल में है। आरोप है कि उनलोगों ने ग्रेटर नोएडा में शिवकला चार्म में 140 फ्लैट बनाए थे और 300 फ्लैट बेच डाले। 160 लोगों को वही फ्लैट बेच दिए जो पहले किसी अन्य को बेचे जा चुके थे। रेरा लागू होने के बाद यह शिकंजा और कसने वाला है।

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