ग्रेटर नोएडा के किसानों ने दी चेतावनी, समस्याओं का नहीं हुआ समाधान तो दिल्ली कूच करेंगे किसान

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (21 फरवरी 2024): बुधवार, 21 फरवरी को भारतीय किसान यूनियन के नेतृत्व में सैकड़ों किसान ट्रैक्टर और पैदल मार्च निकालते हुए जिले में किसानों की समस्याओं का समाधान ना होने के विरोध में जिला मुख्यालय सूरजपुर धरना प्रदर्शन करने पहुंचे और साथ ही महामहिम राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मू के नाम एडीएम नितिन मदान को ज्ञापन सौंपा। धरने का नेतृत्व भारतीय किसान यूनियन पश्चिमी उत्तर प्रदेश अध्यक्ष पवन खटाना ने किया।

टेन न्यूज से बातचीत करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के अध्यक्ष पवन खटाना ने कहा भारतीय किसान यूनियन के आह्वान पर आज गौतमबुद्ध नगर के किसान ट्रैक्टरों के साथ जिला मुख्यालय सूरजपुर आए हैं और जब तक किसानों की समस्याओं का समाधान नहीं होगा। तब तक धरना प्रदर्शन होता रहेगा। गौतमबुद्ध नगर के किसानों की समस्याएं पिछले काफी समय से चली आ रही है, किसान धरना प्रदर्शन कर रहे हैं लेकिन शासन प्रशासन पर कोई असर नहीं हो रहा है। अगर किसानों की समस्याओं का समाधान जल्द नहीं हुआ तो जिले के किसान दिल्ली कूच करेंगे। क्योंकि सरकार बहरी हो गई और दिल्ली धरना प्रदर्शन करके सरकार के कान में किसानों की बात करेंगे।

 

किसानों की मांग

1. मूल्य वृद्धि पर नियंत्रण रखें, भोजन, दवाओं, कृषि-इनपुट और मशीनरी जैसी आवश्यक वस्तुओं पर जीएसटी हटाएं, पेट्रोलियम उत्पादों और रसोई गैस पर केंद्रीय उत्पाद शुल्क में काफी कमी करें।

2. वरिष्ठ नागरिकों, महिलाओं, दिव्यांग व्यक्तियों, खिलाड़ियों को रेलवे द्वारा कोविड के बहाने वापस ली गई रियायतें बहाल की जाएं।

3. खाद्य सुरक्षा की गारंटी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली को सार्वभौमिक बनाना।

4. सभी के लिए मुफ्त शिक्षा, स्वास्थ्य, पानी और स्वच्छता के अधिकार की गारंटी। नई शिक्षा नीति, 2020 को रद्द करें।

5. सभी के लिए आवास सुनिश्चित करें।

6. वन अधिकार अधिनियम (एफआरए) का कड़ाई से कार्यान्वयन, वन (संरक्षण) अधिनियम, 2023 और जैव-विविधता अधिनियम और नियमों में संशोधन वापस लें जो केंद्र सरकार को निवासियों को सूचित किए बिना जंगल की निकासी की अनुमति देते हैं। जोतने वाले को भूमि सुनिश्चित करें।

7. सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यमों, सरकारी विभागों का निजीकरण बंद करें और राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) को ख़त्म करें। खनिजों और धातुओं के खनन पर मौजूदा कानून में संशोधन करें और स्थानीय समुदायों, विशेषकर आदिवासियों और किसानों के उत्थान के लिए कोयला खदानों सहित खदानों से लाभ का 50 प्रतिशत हिस्सा सुनिश्चित करें।

8. बिजली (संशोधन) विधेयक, 2022 को वापस लें। कोई प्री-पेड स्मार्ट मीटर नहीं।

9. काम के अधिकार को मौलिक बनाया जाये। स्वीकृत पदों को भरें और बेरोजगारों के लिए रोजगार पैदा करें। मनरेगा का विस्तार और कार्यान्वयन (प्रति वर्ष 200 दिन और 600 रुपये प्रति माह मजदूरी)। शहरी रोजगार गारंटी अधिनियम बनायें।

10. किसानों को बीज, उर्वरक और बिजली पर सब्सिडी बढ़ाएं, किसानों की उपज के लिए एमएसपी सी2$50 की कानूनी गारंटी दें और खरीद की गारंटी दें। किसानों की आत्महत्याओं को हर कीमत पर रोकें।

11. कॉर्पोरेट समर्थक पीएम फसल बीमा योजना को वापस लें और जलवायु परिवर्तन, सूखा, बाढ़, फसल संबंधी बीमारियों आदि के कारण किसानों को होने वाले नुकसान की भरपाई के लिए सभी फसलों के लिए एक व्यापक सार्वजनिक क्षेत्र की फसल बीमा योजना स्थापित करें।

12. सभी कृषक परिवारों को कर्ज के जाल से मुक्त करने के लिए व्यापक ऋण माफी योजना की घोषणा करें।

13. केंद्र सरकार द्वारा दिए गए लिखित आश्वासनों को लागू करें, जिसके आधार पर ऐतिहासिक किसान संघर्ष को निलंबित कर दिया गया था। सभी शहीद किसानों के लिए सिंधू सीमा पर स्मारक, मुआवजा दें और उनके परिवारों का पुनर्वास करें, सभी लंबित मामलों को वापस लें, गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी पर मुकदमा चलाया जाए।

14. एनपीएस को ख़त्म करें। ओपीएस को बहाल करें और सभी को सामाजिक सुरक्षा प्रदान करें।

15. संविधान के मूल मूल्यों-अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, असहमति का अधिकार, धर्म की स्वतंत्रता, विविध संस्कृतियों, भाषाओं, कानून के समक्ष समानता और देश की संघीय संरचना आदि पर हमला बंद करें।।

 

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