ग्रेटर नोएडा(16 दिसंबर)। जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने शिक्षकों का आह्वान किया कि वे बच्चों को वैज्ञानिक प्रयोग करने की स्वतंत्रता दें। वे प्रिंस इंस्टीट्यूट ऑफ इन्नोवेटिव टेक्नोलॉजी (पीआईआईटी) में 16 से 18 दिसंबर तक हो रही बाल विज्ञान कांग्रेस के उद्घाटन समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि बच्चों को असफलताओं से नहीं डरना चाहिए। असफलताएं ही सफलता का माध्यम बनती हैं। एकेडमी ऑफ साइंटिफिक एंड इन्नोवेटिव रिसर्च के कुलपति प्रोफेसर मनोज कुमार धर ने कहा कि बच्चों में वैज्ञानिक अभिरुचि जागृत करने में शिक्षकों की बड़ी भूमिका है। ऐसे आयोजन बच्चों को अपनी प्रतिभा को आगे ले जाने का बड़ा प्लेटफार्म उपलब्ध कराते हैं।
गढ़वाल और कुमायूं विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर बीएस राजपूत ने कहाकि बच्चों के लिए मौलिक चिंतन आवश्यक है। तभी वे बड़े वैज्ञानिक बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि डॉक्टर या इंजीनियर बनने की तुलना में वैज्ञानिक बनना अधिक महत्वपूर्ण है।आईसीएआर – आईएआरआई के प्रिंसिपल साइंटिस्ट डा. नफीस अहमद ने कहा कि हमें हवा, पानी, नदियां, समुद्र, तालाब, मिट्टी आदि को प्रदूषित होने से बचाना होगा, तभी मानव जीवन सुरक्षित रह सकेगा।
उन्होंने पारितंत्र को संतुलित रखने पर बल दिया। पीआईआईटी के चेयरमैन प्रोफेसर भरत सिंह ने विद्यार्थियों से कहा कि हर घटना के पीछे छिपे कारण के बारे में उन्हें सोचना चाहिए। इस आयोजन की नोडल एजेंसी इंडियन साइंस कम्युनिकेशन सोसायटी के अधिशासी सचिव डॉ. वीपी सिंह ने सभी का आभार व्यक्त किया। राज्य समन्वयक दीपक शर्मा ने बताया कि इसमें पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 38 जिलों के लगभग 300 बाल विज्ञानी प्रतिभाग कर रहे हैं। इनका चयन जिला स्तर के 4500 प्रतिभागियों में से किया गया है। इनमें लगभग 70 प्रतिशत छात्राएं हैं। बाल वैज्ञानिकों के शोधपत्रों का प्रस्तुतीकरण विशेषज्ञों के समक्ष किया जाएगा। यहां से चयनित विज्ञानी राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस में प्रतिभाग करेंगे। पीआईआईटी की डिप्टी डायरेक्टर डा. सपना आर्य ने बताया कि भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय की संस्था राष्ट्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी संचार परिषद (एनसीएसटीसी) के इस कार्यक्रम को नोडल एजेंसी इंडियन साइंस कम्युनिकेशन सोसाइटी आयोजित करा रही है। इससे पहले मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण और दीप प्रज्वलन के साथ कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया। पीआईआईआईटी के निदेशक प्रो. आरके शाक्य ने अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत किया।