टेन न्यूज नेटवर्क
ग्रेटर नोएडा (30 अक्टूबर 2023): दनकौर पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। 30 अक्टूबर को रात्रि के समय थाना दनकौर पुलिस ने असली नोटों की तरह दिखने वाली कागज की गड्डियों को असली दिखाकर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश करते हुए तीन ठगों को गिरफ्तार किया। ठगों के कब्जे से कुल 2,34,500 लाख रुपये यानी 469 असली 500 रूपये के नोट व असली नोटो के साइज का कटे कागज की गड्डियां तथा अन्य उपकरण बरामद किए।
एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया 29/30 अक्टूबर की रात्रि में थाना दनकौर पुलिस की टीम को गश्त के दौरान विशाल चौहान, मोबिनखान और उपेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया है। जिनके कब्जे से 08 लोहे के बक्शो में भरे 500- 500 रूपये के कुल 469 असली नोट व असली की तरह दिखने वाले कागज की छपाई नोट नुमा बन्डल व एक लैपटाप, एक नोट गिनने की मशीन, एक नोट के बन्डल बनाने की मशीन बरामद हुई। जिसके सम्बन्ध में थाना हाजा पर धारा 420/120 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया।
आगे एडीसीपी अशोक कुमार ने बताया कि 29/30 अक्टूबर की रात्रि मे दनकौर पुलिस टीम सलारपुर अंडरपास के नजदीक स्थित तिरंगा चौक के समीप पहुंची तो चौक के दूसरी तरफ गौर सिटी की ओर दो व्यक्ति खडे हुए संदिग्ध दिखे जिनमें से एक व्यक्ति अपनी पीठ पर पिट्ठू बैग लिये हुए था। जैसे ही पुलिस टीम नजदीक पहुँची और खडे उन दोनों व्यक्तियो को रोका-टोका गया तो वह दोनों व्यक्ति पीछे मुडकर तेज कदमो से गौर सिटी की ओर जाने लगे। विशाल व मोबिन खान को घेर कर पकड लिया तथा पकडे गये व्यक्तियों की निशादेही पर उनके तीसरे साथी उपेन्द्र सिंह को गिरफ्तार किया गया एवं तलाशी ली गई तो 01 बंडल में कुल दस 500 के नोट की गड्डी थी। बंडल में ऊपर व नीचे 500 की कुल 02 अदद असली नोट लगी थी और पूरी गड्डी में कुल दो पांच सौ के नोट असली थे जबकि इसके अलावा अन्य शेष नोट कागज के बनावटी नोट थे। एक लैपटाप कम्पनी डैल व रंग काला मॉडल लैटीटयूट 7480 बरामद हुआ। इसके अतिरिक्त इनकी निशादेही पर वही पास में झाड़ियों के पीछे रखे 08 लोहे के बक्शे बरामद हुए जिनमें सभी बक्शो में 500 रूपये के नोटो के कुल 165 बन्डल ( 1650 गड्डियां बैग में मिली गड्डियों जैसी ) मिले। इन सभी नोटो के बन्डलो पर भी कुछ पर ऊपर नीचे व कुछ पर केवल एक तरफ असली 500 रूपये के नोट लगे हुए थे । इसके अतिरिक्त एक नोट गिनने की इलेक्ट्रोनिक मशीन व एक नोटो के बन्डल बनाने की इलेक्ट्रोनिक मशीन भी बरामद हुई। इस तरह के नोट रखने का कारण कड़ाई से पूछने पर बताया कि हमारा एक संगठित गिरोह है। जिसको प्रवेश कुमार सिंह उर्फ डी के निवासी लखनऊ से चलाता है, गैंग का लीडर प्रवेश कुमार सिंह उर्फ डी के है।
प्रवेश उर्फ डी के द्वारा छोटी-02 कम्पनियां व एनजीओ को अपने झांसे में फंसाया जाता है एवं कम्पनियों से एनजीओं में पैसा फंडिंग कराने का आश्वासन देता है। कम्पनी व एनजीओ से पूरी सहमति होने के बाद आरोपी विशाल चौहान, मोबिनखान, उपेन्द्र सिंह एवं अन्य लोगो को अपनी कम्पनी का मैनेजर आदि बनाकर कम्पनी एवं एनजीओ में भेजा जाता है और बरामद हुए इन्ही पैसो को दिखाकर डील करता है। इस प्रकार आरोपियों से बरामद रकम कुल 2,34,500/- रूपये असली को 8,30,00,000/- रूपये के रूप में दिखाकर धोखाधड़ी की जा रही थी।।