Galgotias University ने विकास के लिए कनारसी कनारसा गांव को लिया गोद

गलगोटियास विश्वविद्यालय ने विकास के लिए कनारसी कनारसा गांव को गोद लिया और छात्रों, किसानों और वैज्ञानिकों के लिए एक साथ एक साँझे मंच का आयोजन किया।

स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर गलगोटिया यूनिवर्सिटी और कृषि विज्ञान केन्द्र ज़िला गौत्तम बुद्ध नगर ने संयुक्त रूप से किसानों के साथ कृषि में नए नवाचारों पर चर्चा करने के लिए कनारसा-कनारसी गांव में किसान गोष्ठी का आयोजन किया।

कृषि विज्ञान केन्द्र ज़िला गौत्तम बुद्ध नगर के प्रमुख, डॉ. मयंक राय ने कहा कि पहली बार एक निजी विश्वविद्यालय, गलगोटियास विश्वविद्यालय ने विकास के लिए एक गांव को गोद लिया है और छात्रों, किसानों और वैज्ञानिकों के लिए एक साथ एक साँझे मंच का आयोजन किया। यह अपने आप में बहुत ही अद्भुत और अभूतपूर्व है। ब्लॉक प्रमुख, ग्राम प्रधान और किसानों ने गलगोटिया विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों की तह दिल से सराहना की।

विश्वविद्यालय के वाइस चांसलर डा० के० मल्लिकार्जुन बाबू ने कहा कि गोद लिए गए गांव में गलगोटियाज विश्वविद्यालय का कृषि विद्यालय खाद्य और पोषण सुरक्षा प्रदान करने की दिशा में काम करेगा, न्यूनतम पर्यावरणीय गिरावट के साथ आरामदायक जीवन जीने के लिए सामाजिक-आर्थिक उत्थान के लिए किसानों का समर्थन करेगा।

विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि आज की इस किसान गोष्ठी का आयोजन भविष्य में कृषि के क्षेत्र में एक क्रांतिकारी परिवर्तन लायेगा।

विश्वविद्यालय के सीईओ डा० ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि आज इस आयोजन की सबसे महत्वपूर्ण बात ये थी कि कृषि वैज्ञानिकों, विद्यार्थियों और किसानों को एक साथ एक मंच पर एकत्रित होने का सुअवसर प्राप्त हुआ है। इससे किसानों को गुणवत्ता पूर्ण पैदावार उगाने में सहायता मिलेगी। और अच्छी फसल का लाभ भी मिलेगा।

विश्वविद्यालय की डायरेक्टर आराधना गलगोटिया ने कहा कि इस किसान गोष्ठी में कृषि वैज्ञानिकों ने प्रत्येक विषय पर विस्तार से चर्चा करके विद्यार्थियों और किसानों को बताया कि रबी की फसलों की लाभकारी खेती के लिये फसलों का चुनाव, वैज्ञानिक तकनीक, समस्याओं के समाधान, कृषि अवशेषों का लाभकारी प्रयोग किस प्रकार से करना है जिससे उन्नत क़िस्म की फसलों की पैदावार की जा सके।

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