Galgotias University में एनएसएस के त्तवाधान में “मेरी माटी मेरा देश” कार्यक्रम का हुआ आयोजन

आज 9 अगस्त 2023 को भारत सरकार, युवा कार्यक्रम एवम् खेल मंत्रालय “राष्ट्रीय सेवा योजना” निदेशालय, नई दिल्ली द्वारा आयोजित “आज़ादी के अमृत महोत्सव” के अन्तर्गत 9 से 15 अगस्त, 2023 तक चलने वाले कार्यक्रम “मेरी माटी मेरा देश” का का आयोजन गलगोटियास विश्वविद्यालय की एनएसएस टीम के संरक्षण में किया गया।

आज के इस कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एक्स आर्मी मैन एन सी सी अधिकारी दुष्यंत राणा रहे। उन्होंने अपने सेना में सेवा काल के अनुभव सभी के साथ साँझा किये। उनके हाथों से गलगोटिया विश्वविद्यालय के प्रांगण में “वृक्षारोपण” का कार्यक्रम किया गया। गलगोटियास विश्वविद्यालय के एनएसएस की समन्वयक प्रांजलि मिश्रा ने माननीय प्रधानमंत्री जी द्वारा दिये गये
“पंच प्रण-प्रतिज्ञा” कार्यक्रम के तहत वहाँ पर उपस्थित सभी को इन पाँच बिन्दुओं की सपथ दिलायी।

* मैं एक विकसित भारत के निर्माण में अपनी भूमिका निभाने की प्रतिज्ञा करता हूँ।
* मैं औपनिवेशिक मानसिकता के किसी भी निशान को हटाने की प्रतिज्ञा करता हूँ।
* मैं अपनी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को बढावा देने और संरक्षित करने मे गर्व महसूस करने की प्रतिज्ञा करता हूँ।
* मैं देश की एकता और एकजुटता के लिये प्रयास करने की प्रतिज्ञा करता हूँ
* मैं अपने प्रति अपने कर्तव्यों एवम् उत्तरदायित्यों को पूरा करने की प्रतिज्ञा करता हूँ।
* मैं देश के बहादुरों के बलिदान का सम्मान करने और देश की रक्षा और प्रगति के लिये खुद को समर्पित करने की प्रतिज्ञा करता हूँ।

इस शपथ ग्रहण के उपरांत सभी ने अपने हाथों में देश माटी को लेकर “वसुधा वंदन” करते हुए नमन किया। और देश भक्ति की अनेक कविताओं के माध्यम से वीर शहीदों को नमन करते हुए “वीरों का वंदन” किया। राष्ट्रीय गाण के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया।

भारत सरकार की इस नेक पहल का स्वागत करते हुए गलगोटियास विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने कहा कि “मेरी माटी मेरा देश” जैसे श्रेष्ठ कार्यक्रम हम सभी के ह्रदय में राष्ट्र-भक्ति की भावना जगाते हैं। और अपने राष्ट्र और अपने वीर शहीदों के प्रति सदैव एक समर्पण की भावना पैदा करते हैं।

गलगोटियास विश्वविद्यालय के सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने कहा कि इस प्रकार के कार्यक्रम हमें अपने उन वीर शहीदों की याद दिलाते हैं जिन्होंने देश खातिर अपने बहुमूल्य जीवन का बलिदान कर दिया। आज पूरा राष्ट्र उन महान वीर शहीदों को नमन करता है।

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