यमुना प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर हुई चर्चा, किसानों के इन मुद्दों पर बनी सहमति

यमुना प्राधिकरण ने सोमवार को 79वीं बोर्ड बैठक बोर्ड बैठक का आयोजन किया। इस बोर्ड बैठक में किन प्रस्तावों पर चर्चा हुई और क्या निर्णय लिए गए इस बाबत यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने मीडिया से बातचीत में कहा कि “आज यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण की 79वीं बोर्ड बैठक हुई। बैठक में कई अहम प्रस्तावों पर चर्चा हुई। कई प्रस्तावों पर बोर्ड ने अपने अनुमोदन दिए, कुछ में आंशिक संशोधन के बाद प्रस्तुत करने के निर्देश भी दिए हैं।” आगे उन्होंने कहा कि “बैठक में जो मुख्य रूप से निर्णय हुआ है वह ये है कि 32 हजार आवंटियों को साल 2023 तक बिना किसी शुल्क के लीज कराने और 31 मार्च 2024 तक बिना किसी शुल्क के निर्माण कराने की अनुमति दी गई है।”

यमुना प्राधिकरण के सीईओ ने आगे कहा कि” ओटीएस सिस्टम लाने की बात भी कही गई है। इस सिस्टम से EWS, LIG, HIG, MIG, रेजिडेंशियल प्लॉट्स और गांव वालों के जो प्लॉट्स हैं उन्हें इसका लाभ मिलेगा। यह सुविधा मूल रूप से आवासीय प्लॉट्स और किसानों को ही दी गई है।” मीडिया से बात करते हुए सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने कहा कि “सेक्टर -9 में 800 एकड़ में बनने वाले एजुकेशन सेंटर बनाने के लिए जमीन अधिग्रहण करने का निर्णय लिया गया है। उसके अलावा सेक्टर – 11 में बड़े बड़े इंडस्ट्रीज को अलॉटमेंट देने के लिए 8 से 20 एकड़ जमीन अधिग्रहण करने का निर्णय लिया गया है।”

जानकारी देते हुए उन्होंने बताया कि “यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण क्षेत्र में 55 और गांव शामिल हो गए हैं। इन गावों के शामिल होने से यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण का विस्तार अमृतसर- कलकत्ता लाइन तक हो गया है। और अब प्राधिकरण की सीमाएं चोला रेलवे स्टेशन से सिकंदरपुर रेलवे स्टेशन तक पहुंच गई है। उसको ध्यान में रखते हुए जेवर से चोला तक नई रेल लाइन बिछाने का और दो एक्सप्रेसवे बनाने का निर्णय लिया गया है। इस रेलवे लाइन के बनने से अमृतसर -कलकत्ता मेन लाइन से जेवर जुड़ सकेगा और इस रेल लाइन से कनेक्टिविटी बढ़ जाएगी।

किसानों के मुद्दों पर भी हुई चर्चा

यमुना औद्योगिक विकास प्राधिकरण के सीईओ डॉ अरुण वीर सिंह ने कहा कि बैठक में “किसानों के 7% आबादी के प्लॉट में OTS की स्कीम लाई गई है ताकि उनका ब्याज माफ हो जाये। साथ ही किसानों के 9 गांवों में 80 फीसदी किसानों को गांव में कैंप लगाकर अगले सप्ताह से मुआवजा बांटा जाएगा। किसानों की बड़ी मांग जो बैकड्यूज को लेकर थी उसपर भी आज चर्चा हुई और सैद्धांतिक रूप से सहमति दी गई। कुछ अधिकारियों के हस्ताक्षर उसपर छूट गए हैं जिसे पूरा कर 11 जुलाई को लखनऊ के विशेष बैठक उसे प्रस्तुत किया जाएगा।”

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