ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने संस्थागत भूखंडों की योजना (स्कीम कोड-INS-01/2023) मंगलवार को लांच कर दी है। इसमें कुल 22 भूखंड शामिल किए गए हैं। इस योजना में ऑनलाइन पंजीकरण 21 मार्च से ही शुरू हो गए हैं। पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 11 अप्रैल है, जबकि पंजीकरण की फीस जमा कराने की अंतिम तिथि 13 अप्रैल है और डॉक्यूमेंट जमा करने की आखिरी तारीख 17 अप्रैल है। इन भूखंडों का ऑक्शन के जरिए आवंटन किया जाएगा। अगर सभी 22 प्लॉट बिक जाते हैं तो ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण को 1200 करोड़ रुपए की आमदनी होने का आकलन है।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में निवेश को बढ़ावा देने और प्राधिकरण की आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए सीईओ रितु माहेश्वरी ने सभी तरह की संपत्तियों की स्कीमें लाने के निर्देश दिए हैं। सीईओ के निर्देश पर अमल करते हुए अब संस्थागत विभाग ने भी 22 भूखंडों की योजना लांच कर दी है। प्राधिकरण के ओएसडी नवीन कुमार सिंह ने बताया कि इस स्कीम में नर्सरी स्कूल, हायर सेकेंड्री, हॉस्पिटल, यूनिवर्सिटी और वोकेशनल इंस्टीट्यूट के भूखंड शामिल किए गए हैं। ये भूखंड ओमीक्रॉन 3, पाई-टू, म्यू, सेक्टर-3, सेक्टर-12, नॉलेज पार्क-5, टेकजोन-टू, नॉलेज पार्क-3, टेकजोन 4, नॉलेज पार्क -1 और सेक्टर-1 में स्थित हैं। ये भूखंड 1200 वर्ग मीटर से लेकर 3.32 लाख वर्ग मीटर एरिया तक हैं। इस स्कीम की समस्त जानकारी सहित ब्रोशर को ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की वेबसाइट ( http://www.greaternoidaauthority.in/) और भारतीय स्टेट बैंक के वेब पोर्टल (https://etender.sbi/) पर अपलोड कर दिया गया है।
इस स्कीम में पोर्टल के जरिए ऑनलाइन आवेदन किया जा सकता है। नवीन कुमार सिंह ने बताया कि पंजीकरण व ब्रोशर डाउनलोड करने की सुविधा मंगलवार से ही शुरू हो गई है। पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 11 अप्रैल है, जबकि पंजीकरण की फीस जमा कराने की अंतिम तिथि 13 अप्रैल है और डॉक्यूमेंट जमा करने की आखिरी तारीख 17 अप्रैल है। भूखंडों का आवंटन ई-ऑक्शन के जरिए होगा। अगर ये सभी 22 भूखंड आवंटित हो जाते हैं, तो ग्रेटर नोएडा में दो विश्वविद्यालय सहित नर्सरी स्कूल, हायर सेकेंड्री व वोकेशनल इंस्टीट्यूट और हॉस्पिटल और खुल सकेंगे। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण का अनुमान है कि अगर सभी 22 प्लॉट बिक जाते हैं तो लगभग 1200 करोड़ रुपए की आमदनी हो जाएगी। इन सभी भूखंडों पर करीब 10 हजार करोड़ रुपये का निवेश होने और 05 हजार युवाओं को रोजगार मिलने का भी अनुमान है। इस बारे में ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी का कहना है कि शिक्षा व चिकित्सा के क्षे़त्र में ग्रेटर नोएडा की खास पहचान है। इन भूखंडों पर हॉस्पिटल और शिक्षण संस्थान खुलने से नागरिकों को और सुविधा हो जाएगी। उनको बेहतर सेवाएं मिल सकेंगी।