Galgotias University ने ग्रामीण परिवेश में मनाया अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस

आज गलगोटियाज विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों ने अन्तर्राष्ट्रीय महिला दिवस पहले दनकौर कस्बे के ग्रामीण आँचल में मनाया और दोपहर बाद विश्वविद्यालय के परिसर में मनाया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वन्दना और कुलपति प्रो के मल्लिकार्जुन बाबू, प्रति उपकुलपति डा० अवधेश कुमार, कुलाधिपति की सलाहकार प्रोफेसर डॉ. रेणु लूथरा, एच० आर० डायरेक्टर शिल्पी चन्द्रा के द्वारा दीप प्रज्वलन से किया। अपने संबोधन में विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो के मल्लिकार्जुन बाबू ने महिलाओं को सशक्त बनाने के अपने दृष्टिकोण से प्रतिभागियों को प्रोत्साहित किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि सकारात्मक दृष्टिकोण वाली महिला सीईओ किसी भी कामकाजी संस्था के लिए बहुत प्रभावी होती हैं।

छात्रों ने “महिला सशक्तिकरण” विषय पर एक नुक्कड़ नाटक का भी प्रदर्शन किया, जिसमें महिलाओं द्वारा नियमित रूप से सामना किए जाने वाले सामाजिक खतरों के विभिन्न पहलुओं को दर्शाया गया। नाटक ने वर्तमान समाज को महिलाओं के लिए एक बेहतर जगह बनाने के लिए बदलाव की आवश्यकता पर बल दिया।

कुलाधिपति की सलाहकार प्रोफेसर डॉ. रेणु लूथरा ने लैंगिक संवेदनशीलता के मुद्दे पर उपस्थित श्रोताओं को संबोधित किया। उन्होंने महिलाओं को सशक्त बनाने की आवश्यकता और एक सशक्त महिला द्वारा समाज में लाए जा सकने वाले परिवर्तनों के बारे में बताया। दनकौर क़स्बे के ग्रामीण आँचल में विधि विभाग के विद्यार्थियों ने ग्रामीण महिलाओं, संगनि कार्यकर्ताओं के बीच जाकर मनाया। विद्यार्थियों ने सभी महिलाओं को डिजिटलीकृत कार्यशैली की महत्वपूर्ण जानकारी भी दी। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ, दहेज प्रथा और बेटियों पर हो रहे अनेक अत्याचारों को अपने नुक्कड़ नाटकों के माध्यम से उजागर किया। लेखक एवम् कवि भगवत प्रशाद शर्मा ने अपनी कविता के माध्यम से देवी स्वरूपा मातृशक्ति को किया नमन।

विश्वविद्यालय के चॉसलर सुनील गलगोटिया ने छात्रों से कहा कि अपनी संस्कृति का अवलंबन करें और हम सब सदैव महिलाओं का सम्मान करें। सीईओ ध्रुव गलगोटिया ने सफल कार्यक्रम के लिये संयोजन मण्डल और विद्यार्थियों को बहुत-बहुत शुभकामनाएँ दी। डायरेक्टर आराधना गलगोटिया ने कहा कि आज महिलाओं द्वारा की गयी उपलब्धियों को उजागर करने का समय है।

कार्यक्रमों की अध्यक्षता ग्रामीण परिवेश में डा० नरेंद्र बहादुर सिंह, डा० शिवाँगी शर्मा ने और विश्वविद्यालय परिसर में डा० अनामिका पाण्डेय ने की।

कार्यक्रम के अंत में, छात्रों ने नृत्य, गीत और स्किट सहित सांस्कृतिक गतिविधियों का भी प्रदर्शन किया।

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