हरिश गुप्ता, अधय्क्ष वेलकम एज सोसायटी, ग्रेनो ।
भारत एक लोकतांत्रिक देश है जहां जनता अपने प्रतिनिधि निर्वाचित कर उनके हाथ में 5 वर्षों के लिए प्रशासन व्यवस्था के संचालन का दायित्व सोंपती है ।अतः हमें पर्याप्त विचारोपरांत जाति,धर्म ,परिवारीय समबंधो से अलगकर अपने क्षेत्र के प्रतिनिधि का निर्वाचन करना चाहिए ।
हम विवाह करते हैं तो बड़े मंथन के बाद कन्या अथवा वर का चयन करते हैं कयोकि जीवन भर का साथ होता हैऔर दोनो को एक परिवार के रूप मे आगे बढते हुए जीवन निर्वाह करना है।यह कार्य एक परिवार मात्र के लिए है ।इसमें भी यदि दोनों में अनबन रहे तो परिवार, पड़ोस अथवा मोहल्ले में आए दिन अशांति फैलने से पूरे क्षेत्र का वातावरण
दूषित हो जाता है और बाद में यही कहा जाता है कि यह लोग ठीक नहीं है और इनकी शादी से पूर्व धयान नहीं दिया गया ।
हमें मात्र परिवार के लिए नहीं अपितु एक क्षेत्र विशेष जिसकी जनसंख्या लाखों में है, के लिए अपना प्रतिनिधि शासन व्यवस्था के लिए निर्वाचित करना है पूरी जानकारी के बाद अच्छी तरह परख कर वोट दें।सुनें सबकी ,पर करें मन की जिससे मन मे आगे 5 वर्षों तक पछतावा न रहे ।
वोट डालने का अधिकार हमें लाखों शहीदों की कुरवानियों के बाद प्राप्त हुआ है इसे हम हल्के मे न ले गंभीरता पूरवक विचार करते हुए खुद अपने परिवार वालो , मित्रों एवं मोहल्ले वालों को भी 11/2 के प्रातः वोट डालने के लिए प्रेरित करना है और यह सुनिश्चित करना है कि सबकी उंगली में काला निशान लग गया है कि नहीं । मित्रों इस यज्ञ में सभी आहुति देंगे तभी यह सरकार सबके द्वारा चुनी सरकार मानी जाएगी और बाद में किसी को पछतावा भी नहीं होगा।जब सभी चयन करेंगे तो अचछा ही होगा।