गलगोटिया विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन में तीन-दिवसीय फोटोग्राफी एवं कला प्रदर्शनी मेले का आयोजन किया गया। 27 दिसम्बर से शुरू हुए इस मेले में कम्प्यूटर साइंस इंजीनियरिंग के विद्यार्थियों ने अपने हाथों से बनाए हुए आर्ट्स एंड क्राफ्टस की प्रदर्शनी लगाई। इस कला प्रदर्शनी के आयोजन का मकसद विद्यार्थियों को सिलेबस की पढ़ाई के साथ-साथ उनमें कला के प्रति रूझान पैदा करना था ताकि वो अपनी रूचि के अनुसार दूसरे अन्य क्रियाकलापों में शामिल हो सकें।
विद्यार्थियों ने अपनी कल्पना और रचनात्मकता दिखाते हुए कई तरह के आर्ट्स और क्राफ्ट्स का प्रदर्शन किया, जैसे कि पेड़ों के पत्तों से बने हुए क्राफ्ट्स, मिट्टी के मटके पर रंगीन चित्रकारी, रंगीन कागज से बने हुए क्राफ्ट्स, पेंटिंग, स्केचिंग, ड्रॉइंग इत्यादि। विद्यार्थियों ने शॉर्ट फिल्म, डॉक्यूमेंटरी, और 3डी वीडियो भी बनाकर उनका प्रदर्शन किया। राजस्थान का मशहूर मंडाला आर्ट इस मेले के प्रमुख आर्कषण का हिस्सा रहा। दूसरे विभागों के शिक्षकों और छात्रों ने भी इस कला-प्रर्दशनी मेले का लुत्फ उठाया और विद्यार्थियों के प्रयासों की सराहना की।
इस प्रदर्शनी का आयोजन स्कूल ऑफ लिबरल एजुकेशन की डीन डॉ. अनुराधा पाराशर की पहल पर किया गया था। उनका मानना है कि विद्यार्थियों को केवल किताबी कीड़ा बनने की बजाय पाठ्यक्रम से इतर दूसरी गतिविधियों में भी भाग लेना चाहिए ताकि उनका सर्वांगीण विकास हो। विश्वविद्यालय के परीक्षा नियंत्रक प्रोफेसर डॉ. अमिताभ भट्टाचार्या ने इस तरह के कला-प्रदर्शनी को मूल्यांकन पद्धति का हिस्सा बनाये जाने पर खुशी व्यक्त की। विश्वविद्यालय के वाइस-चांसलर डॉ. मल्लिकार्जुन बाबू ने छात्रों के आर्ट्स और क्राफ्टस देखने के बाद उनकी हौसलाअफजाई की। उन्होंने कहा कि प्रदर्शनी आयोजन को भी पठन-पाठन का हिस्सा बनाया जाना चाहिए ताकि विद्यार्थियों के व्यक्तित्व का विकास हो सके। विश्वविद्यालय की डायरेक्टर एडवोकेट अराधना गलगोटिया ने कला प्रदर्शनी मेले के आयोजन की सराहना की। विश्वविद्यालय के मुख्य कार्यकारी अधिकारी ध्रुव गलगोटिया ने प्रदर्शनी के सफल आयोजन की बधाई दी।