ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण पांच और गांवों में जल्द ही बरातघर बनवाने जा रहा है। इनको बनवाने के लिए प्राधिकरण ने टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। इन बरातघरों के निर्माण में करीब 70 लाख रुपये खर्च होने का आकलन है। वहीं, पहले से निर्मित 85 अन्य बरातघरों को भी प्राधिकरण दुरुस्त कराने जा रहा है। इस पर करीब 3.63 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने इन दोनों कार्यों के लिए सहमति दे दी है। प्राधिकरण ने इनके टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी है।
प्राधिकरण की सीईओ रितु माहेश्वरी ने ग्रेटर नोएडा के अंतर्गत आने गांवों में चल रहे विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए पहले से निर्मित बरातघरों का मरम्मत कराने और जिन गांवों में बरातघर नहीं हैं, वहां नए बरातघर बनवाने के निर्देश दिए हैं। सीईओ के निर्देश पर परियोजना विभाग ने 85 गांवों के बरातघरों का मरम्मत कराने और पांच नए बरातघरों के निर्माण की योजना बना ली है। नए बरातघर देवला, चुहड़पुर, डाढ़ा, सिरसा व रोशनपुर में बनेंगे। प्राधिकरण ने इन बरातघरों को बनवाने के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू कर दी है। जिन 85 बरातघरों का मरम्मत होना है, उनमें चिपियाना बुजुर्ग, चिपियाना खुर्द, जौन समाना, जलपुरा, मलकपुर, लखनावली, गुर्जरपुर, बेगमपुर, नवादा, साकीपुर, पाली, पल्ला, रामपुर फतेहपुर, डाबरा, रिठौरी आदि शामिल हैं। सीईओ रितु माहेश्वरी ने पहले से निर्मित बरातघरों के मरम्मत और पांच नए बरातघरों का कार्य शीघ्र शुरू कर तय समय पर पूरा कराने के निर्देश दिए हैं।
सेक्टरों में 13 सामुदायिक केंद्र भी बनवा रहा प्राधिकरण
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण सेक्टरों में 13 सामुदायिक केंद्र भी बनवाने जा रहा है। सीईओ रितु माहेश्वरी के निर्देश पर परियोजना विभाग ने इन सामुदायिक केंद्रों को बनवाने की टेंडर प्रक्रिया शुरू कर दी है। ये सामुदायिक केंद्र सेक्टर ईटा वन, सेक्टर 31 (स्वर्णनगरी), सेक्टर 36, सेक्टर 37, पाई वन , जीटा वन, डेल्टा थ्री, फाई-चाई एक्सटेंशन, सेक्टर तीन, ज्यू वन, टू व ज्यू थ्री, ओमीक्रॉन वन ए हैं। सीईओ इन सेक्टरों में सामुदायिक केंद्र को बनाने पर सहमति दे दी है। ये सामुदायिक केंद्र दो मंजिल के बनेंगे। ग्राउंड तल पर लॉबी, पार्टी हॉल, किचन स्पेस, स्टोर, एक रूम और लेडीज व जेंट्स ट्वॉयलेट बनाए जाएंगे, जबकि प्रथम तल पर लॉबी, लाइब्रेरी, इंडोर स्पोर्ट्स एक्टिीविटी और लेडीज व जेंट्स ट्वॉयलेट की सुविधा रखे जाने का प्रस्ताव है। हर सामुदायिक केंद्र में लगभग 50 वाहनों के पार्किंग की भी व्यवस्था होगी। इन 13 सामुदायिक केंद्रों को बनाने में लगभग 27 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। सीईओ रितु माहेश्वरी ने इन सामुदायिक केंद्रों को बनवाने के लिए टेंडर प्रक्रिया को शीघ्र पूरा कर काम शुरू कराने के निर्देश दिए।