Arch Bishop Of Agra डॉ राफी मंजली ने छात्रों को पढ़ाया ‘गीता का ज्ञान’ । दिया जीवन में सफल होने का मूल मंत्र

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (20 नवंबर 2022): ग्रेटर नोएडा स्थित सेंट जोसेफ स्कूल के वार्षिकोत्सव समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में Arch Bishop Of Agra डॉ राफी मंजली शामिल हुए।

मंच से अपने विचारों को व्यक्त करते हुए और सभी छात्र-छात्राओं को संदेश देते हुए गीता ज्ञान के माध्यम से एकजुटता का संदेश दिया। डॉ रफी मंजली ने एकजुटता का उदाहरण देते हुए कहा कि ” कोई पक्षी यदि अकेली 1000 मीटर की उड़ान भर सकती है, तो वही पक्षी झुंड में 1100 मीटर की उड़ान भरने की क्षमता रखती है। आगे वाली पक्षी जब थक जाती है तो पीछे वाली पक्षी उसका साथ देने के लिए आगे बढ़ जाती है। कभी यदि कोई पक्षी घायल हो जाए या जख्मी हो जाए तो एक पक्षी उसके साथ नीचे उतर जाती है, और तबतक उसके साथ रहती है जबतक वो स्वस्थ नहीं हो जाती है। ये एकजुटता का सर्वोत्तम उदाहरण है।”

 

डॉ रफी मंजली ने आगे कहा कि” जीवों से हम बहुत कुछ सीख सकते हैं, उनसे एकजुटता सीख सकते हैं, संवेदना सीख सकते हैं, आपसी तालमेल सीख सकते हैं।”

शिक्षकों को संदेश देते हुए डॉ मंजली ने कहा” यदि सभी शिक्षकों के बीच आपसी तालमेल होगा, सामंजस्य होगा। सब मिलकर काम करेंगे तो छात्रों का भविष्य उज्ज्वल होगा।”

 

संस्कृत के श्लोकों के माध्यम से सेवा भाव के विचारों को व्यक्त करते हुए डॉ मंजली ने कहा कि ” सेवा भाव की भावना हम सबों के मन में होनी चाहिए, महान नेता मार्टिन लूथर किंग ने कहा है कि ‘सभी लोग प्रसिद्ध (फेमस) हो यह संभव नहीं है, लेकिन सभी लोग महान अवश्य ही हो सकता है।’ जिस व्यक्ति के मन में सेवा भाव की भावना है वो व्यक्ति महान है।”

महान वैज्ञानिक डॉ कलाम साहब एवं उनकी पुस्तक ‘अग्नि की उड़ान’ का संदर्भ प्रस्तुत करते हुए Arch Bishop Of Agra डॉ राफी मंजली ने दृढ़ संकल्प और प्रयासरत रहने का संदेश देते हुए कहा कि ” जब पहली बार रॉकेट असफल हो गया तो वैज्ञानिक सतीश धवन ने मीडिया से कहा कि हमने प्रयास किया, काफी मेहनत की पर हम इसबार असफल रहे। लेकिन वादा करते हैं कि अगली बार हम निश्चित रूप से सफलता पूर्वक इसको लॉन्च करेंगे और एक वर्ष के बाद भारत ने सफलता पूर्वक रॉकेट को लॉन्च किया।”

आखिरी में उन्होंने छात्रों को सफलता का मंत्र बताते हुए कहा कि” जीवन में सफल होने के लिए आप केवल तीन चीजों को याद रखें। पढ़ने की जिजीविषा, सेवा भाव की भावना और आगे बढ़ने का दृढ़ संकल्प।”

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