World Dairy Summit 2022 : भारत के डेयरी उद्योग की असली कर्णधार महिलाएं: पीएम मोदी

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (12 सितंबर 2022): ग्रेटर नोएडा के इंडिया एक्सपो मार्ट में आयोजित वर्ल्ड डेयरी सम्मिट -2022 का शुभारंभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को किया। इस मौके पर सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ, केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी विभाग के मंत्री पुरषोत्तम रुपाला, स्थानीय सांसद डॉ महेश शर्मा सहित कई देशों से आए अन्य गणमान्य अतिथि मौजूद रहे।

इस अवसर पर पीएम मोदी ने मंच से सभी अतिथियों को संबोधित करते हुए, भारतीय डेयरी उद्योग एवं इस क्षेत्र से जुड़े चुनौतियों और उसके समाधान पर व्यापक चर्चा किया।

 

अपने वक्तव्य में पीएम मोदी ने कहा कि “डेयरी सेक्टर का सामर्थ्य ना सिर्फ ग्रामीण अर्थव्यवस्था को गति देता है, बल्कि ये दुनिया भर में करोड़ों लोगों की आजीविका का भी साधन है। मुझे विश्वास है कि यह सम्मिट आइडियाज, टेक्नोलॉजी, एक्सपर्टाइज और डेयरी सेक्टर से जुड़ी परंपराओं के स्तर पर एक दूसरे की जानकारी बढ़ाने और एक दूसरे से सीखने में बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी।”

पीएम मोदी ने अपने वक्तव्य में आगे कहा कि”आज का ये आयोजन ऐसे समय में हो रहा है, जब भारत ने आजादी के 75 वर्ष पूरे किए हैं। और यह भी संयोग की बात है कि इस अवसर पर तकनीक के माध्यम से 75 लाख किसान हमसे जुड़े हुए हैं, इस वर्ल्ड डेयरी सम्मिट में उन सभी किसानों का स्वागत और अभिनंदन करता हूं। विश्व के अन्य विकसित देशों से अलग भारत में डेयरी सेक्टर की असली ताकत छोटे किसान हैं, भारत के डेयरी सेक्टर की पहचान ‘ मास प्रोडक्शन से ज्यादा प्रोड्यूसेस बाय मासेस’ की है। भारत में डेयरी सेक्टर से जुड़े अधिकांश किसानों के पास एक, दो या तीन पशु हैं। उन्हीं किसानों के अथक परिश्रम और उनके पशुधन के कारण ही भारत दुनिया का सबसे अधिक दुग्ध उत्पादन करने वाला देश है।”

साथ ही पीएम मोदी ने कहा कि “भारतीय डेयरी उद्योग विश्व के अनेक गरीब देशों के लिए एक बिजनेस मॉडल बन सकता है।”

 

डेयरी कॉपरेटिव के विषय में चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “डेयरी कॉपरेटिव देश के 2 लाख से ज्यादा गांव में 2 करोड़ लोगों से प्रतिदिन 2 बार करीब करीब किसानों से दूध लेता है, और ग्राहकों तक पहुंचाता है। इसमें बीच में कोई भी मिडिल मैन नहीं होता है। और करीब करीब 70 प्रतिशत पैसा किसानों के जेब में जाता है। और अगर मैं गुजरात जैसे राज्यों की बात करूं तो पूरा पैसा महिलाओं के अकाउंट में जाता है। भारत की डेयरी कॉपरेटिव की स्टडी उनके बारे में जानकारी डेयरी सेक्टर में डेवलप किया गया डिजिटल पेमेंट सिस्टम दुनिया के बहुत से देशों के किसानों को बहुत काम आ सकता है।”

आगे पीएम मोदी ने भारतीय नस्ल के गाय, भैंस के विशेषताओं की चर्चा करते हुए कहा कि “भारतीय गायों और भैंसों की ब्रीड कठिन से कठिन मौसम प्रिस्थितियों में सरवाइब करने के लिए जानी जाती है।”

गुजरात के बनी भैंस ब्रीड का उदाहरण देते हुए पीएम मोदी ने बताया कि “यह भैंस वहां इतना घुल मिल गई है कि पानी की कमी के कारण बहुत कम पानी में अपना काम चला लेती है। भारतीय नस्ल के ज्यादातर पशु क्लाइमेट कंफर्टेबल भी होते हैं और उतने ही एडजस्टिंग भी।”

 

पीएम मोदी ने भारतीय डेयरी उद्योग में महिलाओं की भूमिका पर चर्चा करते हुए कहा कि”भारत के डेयरी सेक्टर में वूमेन पावर 70 फीसदी वर्क फोर्स का प्रतिनिधित्व करती है। भारत के डेयरी उद्योग का असली कर्णधार महिलाएं हैं।भारत के डेयरी सेक्टर 8.50 लाख करोड़ रुपए का है, जिसकी वैल्यू धान और गेंहू के भी मूल्य से ज्यादा है, जिसकी ड्राइविंग फोर्स भारत की ग्रामीण महिलाएं हैं।”

पीएम मोदी ने डेयरी क्षेत्र में उनके सरकार द्वारा किए गए कार्यों का उल्लेख करते हुए कहा कि ” हमारी सरकार ने 2014 से लेकर आजतक निरंतर कार्य किया है, 2014 से अबतक भारत में दुग्ध उत्पादन में 44 की बढ़ोतरी हुई है। जहां विश्व में डेयरी उद्योग 2 फीसदी की तेजी से बढ़ रही है, वहीं भारत में 6 फीसदी की रफ्तार से बढ़ रही है। किसान को अतिरिक्त आय, गरीब का सशक्तिकरण, स्वच्छता, कैमिकल फ्री खेती, पशुओं का केयर ये सब आपस में जुड़े हुए हैं।”

सिंगल यूज प्लास्टिक के उपयोग पर प्रतिबंध लगाने को लेकर पीएम ने कहा कि “यह पशुधनों के लिए खतरनाक साबित हो रहा था, हमने इसे रोकने का काफी प्रयास किया है। भारत का बहुत बड़ा फोकस डेयरी उद्योग में उद्यम शीलता लाने पर है। भारत किस तरह अनोखे प्रयास कर रहा है, इसका एक उदाहरण गोवर्धन योजना है। हमारी कोशिश है की डेयरी प्लांट्स की जो बिजली की आवश्यकता है उसे वह गोबर से ही पूरा करें।”

 

पशुओं के बीमारियों एवं अन्य चुनौतियों के संबंध में चर्चा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि “पशु जब बीमार होता है, तो किसानों को और उसके व्यवसाय को प्रभावित करता है। इसीलिए हम यूनिवर्सल वैक्सिन कार्यक्रम भी चला रहे हैं, और इस दशक के अंत तक हम पशु से जुड़ी सभी बीमारियों पर काबू पा लेंगे।”

अपने वक्तव्य के आखिरी में पीएम मोदी ने सभी अतिथियों को धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि “लगभग पांच दशक के बाद भारत को आपका स्वागत करने का अवसर मिला, और इस विमर्श से जो अमृत निकलेगा वो भारत के अमृत वर्ष में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में सहायक होगा।।”

 

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