GL Bajaj इंस्टिट्यूट में नई शिक्षा नीति पर हुयी व्यापक चर्चा, U.P उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कही यह महत्वपूर्ण बातें

टेन न्यूज नेटवर्क

ग्रेटर नोएडा (1 जुलाई 2022): दैनिक जागरण द्वारा आयोजित कार्यक्रम ‘दैनिक जागरण एजुकेशन फोरम 2022’ में नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा व्यवस्था में मौलिक बदलाव को लेकर शुक्रवार को GL Bajaj इंस्टिट्यूट में व्यापक चर्चा हुई।

 

कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि के रूप में सूबे के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मौजूद रहे, जहां सभी अतिथियों एवं कार्यक्रम में उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए सूबे के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने कहा की समान्यत: मैं प्रतिदिन दस से पंद्रह कार्यक्रमों में जाता हूँ, लेकिन इस प्रकार के पहले कार्यक्रम में आने का मौका मिला जहाँ मेरे ही जीवन को फिल्म के रूप में मेरे सामने प्रस्तुत किया गया, मैं भावुक हो गया था। हमने एक साधारण कार्यकर्ता की तरह अपना सफर तय किया है।

 

 

नई शिक्षा निति पर चर्चा करने के लिए हमसभी यहां एकत्रित हुए हैं। उन्होंने कहा की गुलामी से पहले हमारी शिक्षा निति विश्व में सबसे उत्तम शिक्षा निति थी। “जब आक्रांताओ ने हमारे देश पर हमला किया तो सबसे पहले उसने हमारे साहित्यों पर वेदों पर प्रहार किया लेकिन हमारे पूर्वजों ने कहा की वेद जला दोगे हमारे भीतर के उस ज्ञानज्योति को कैसे बुझाओगे। कहा जाता है की सबकुछ नाश किया जा सकता है लेकिन शिक्षा का नाश नहीं किया जा सकता है। हमारे आचार्यों ने अपने सभी शिष्यों से कहा की आप सभी इन वेदों को अक्षरसः याद कर लो और गुरु दक्षिणा के रूप में तुम सभी इसे दस-दस लोगों को याद कराओगे,” पाठक ने कहा।

पाठक ने आगे कहा कि अंग्रेजों ने जब हमारे देश का शासन संभाला तो उसे कुछ बड़े अधिकारी और कुछ साहब कहने वाले दरबारी लोग चाहिए था। अधिकारी आते थे अंग्रेजी शिक्षा व्यवस्था से बनकर लेकिन साहब कहने वाले लोग उन्हें हिन्दुस्तान से चाहिए थे। इसलिए लार्ड मैकाले को भारतीय संस्कृति और शिक्षा व्यवस्था के अध्ययन के लिए भेजा गया। जब मैकाले यहां की संस्कृति व्यवस्था का अध्यन कर वापस इंग्लैंड गया तो वहां के संसद में उन्होंने एक भाषण दिया। उन्होंने कहा की भारत पर यदि शासन करना है तो आपको उनके शिक्षा व्यवस्था को बदलना होगा, वो अपने संस्कृति से काफी जुड़े हुए हैं। उन्हें अलग करना काफी मुश्किल है। अब तक हम जिस शिक्षा व्यवस्था के तहत अध्ययन कर रहे थे वो उन्हीं की बनायीं शिक्षा व्यवस्था थी। किसी सरकार ने इसे बदलने का प्रयास नहीं किया। “मैं प्रधानमंत्री मोदी जी का आभार व्यक्त करता हूँ कि उन्होंने भारत के युवाओं के हित में यह बदलाव किया एकतरफ जहां सभी लोग अंग्रेजी के तरफ भाग रहे हैं वहीं प्रधानमंत्री जी ने मातृभाषा के अध्ययन पर जोर दिया है ऐसे कई बिंदु नई शिक्षा निति में रखे गए हैं,” पाठक ने कहा।

 

मंच पर मौजूद गौतमबुद्ध नगर के लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा ने मंच से संबोधित करते हुए और ब्रजेश पाठक के कार्यकुशलता पर चर्चा करते हुए कहा कि पहले विश्व के शिक्षा का केंद्र भारत था। भारत की इस प्रांजल भूमि तक्षशिला थी, भारत में नालंदा था, गुजरात की भूमि में जलाबी जैसे शिक्षण संस्थान थे और काशी वद्यापीठ थी ।

 

डॉ शर्मा ने भारत के ऐतहासिक विरासतों पर चर्चा करते हुए कहा की क्या मैकाले जैसे लोग हमारे शिक्षा व्यवस्था का सूत्रधार हो सकते है? यह शर्मनाक है। 2014 में भारत के यशस्वी प्रधानमंत्री के सानिध्य में भारत और भारतीयों के आवश्यकता के अनुसार यहां के युवाओं को ध्यान में रखकर इसमें व्यापक परिवर्तन किया गया। साथ ही उन्होंने नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षा व्यवस्था में हुए बदलावों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा की हमारी सरकार का उद्देश्य है की हमारे युवा नौकरी मांगने वाले नहीं बल्कि नौकरी देने वालों की लाइन में खड़े रहे।

 

स्थानीय विधायक सुरेंद्र नागर ने मंच से सभी लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि यह कार्यक्रम शिक्षा नीति 2022 को लेकर है। लम्बे समय से शिक्षा निति में बदलाव की मांग की जा रही थी। लेकिन हम उसी पुरानी शिक्षा निति का पालन कर रहे थे । 2014 में सरकार परिवर्तन के बाद पीएम मोदी जी ने कहा था की जब हम सरकार में आएंगे तो नई शिक्षा निति लेकर आएँगे। उन्होंने शिक्षा निति के प्रमुख बदलावों पर चर्चा करते हुए उन्होंने कहा यह युवाओ एवं नौनिहालों के भविष्य को संवारेगा।

नई शिक्षा नीति के तहत हुए बदलावों पर चर्चा करने के लिए दैनिक जागरण समूह द्वारा आयोजित इस खास कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सूबे के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक, स्थानीय लोकसभा सांसद डॉ महेश शर्मा, राज्य सभा सांसद सुरेंद्र नागर, विधायक धीरेंद्र सिंह, विधान पार्षद सदस्य नरेंद्र भाटी सहित कई अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहें।

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