ग्रेटर नोएडा वेस्ट में गौड़ चौक पर जल्द बनेगा अंडरपास, सीईओ ने दी सैद्धांतिक सहमति

ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ग्रेनो वेस्ट के निवासियों को बड़ी सौगात देने की तैयारी शुरू कर दी है। प्राधिकरण ग्रेटर नोएडा वेस्ट के सबसे बड़े चौराहे गौड़ चौक (किसान चौक या चार मूर्ति गोलचक्कर) पर अंडरपास जल्द बनाने जा रहा है। प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने बृहस्पतिवार को इस प्रोजेक्ट को बनाने पर सैद्धांतिक सहमति दे दी है। यह अंडरपास 60 मीटर रोड के पैरलल बनेगा।

ग्रेटर नोएडा वेस्ट में आबादी तेजी से बढ़ रही है, जिससे यहां के सबसे व्यस्त चौराहे पर ट्रैफिक का दबाव भी बढ़ रहा है। ट्रैफिक जाम की समस्या न हो, इसके लिए अस्थायी विकल्प के तौर पर चौराहे के दोनों तरफ (130) मीटर रोड पर दो यूटर्न बने हैं। गौड़ सिटी की तरफ से सूरजपुर व नोएडा की ओर जाने वाले वाहन 130 मीटर रोड पर बने यूटर्न से होकर गुजरते हैं। इसी तरह 130 मीटर रोड या सूरजपुर की तरफ से गौड़ सिटी व प्रताप विहार को जाने वाले वाहन नोएडा की तरफ बने यूटर्न से होकर जाते हैं। इसका स्थाई समाधान निकालने के लिए ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण के निर्देश पर सरकारी सलाहकार एजेंसी राइट्स से इस चौराहे का सर्वे कराया गया। एजेंसी ने अपनी रिपोर्ट प्राधिकरण को सौंप दी। रिपोर्ट के अनुसार इस चौराहे से रोजाना 13 हजार से अधिक वाहन गुजरते हैं। एजेंसी ने यहां अंडरपास बनाने का सुझाव दिया है। ये अंडरपास चौराहे पर 130 मीटर रोड को क्रॉस करते हुए 60 मीटर रोड के पैरलल बनेगा। यानी प्रताप विहार से सूरजपुर, ग्रेटर नोएडा के बीच वाहन इस अंडरपास से होकर गुजरेंगे। यूटर्न तक जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे वाहन चालकों के समय और ईंधन दोनों की ही बचत होगी। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने लोगों की जरूरत को देखते हुए इस चौराहे पर अंडरपास बनाने को मंजूरी दे दी है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा ने बताया कि इस अंडरपास की लंबाई करीब 700 मीटर होगी। अब इस अंडरपास की डिजाइन व डीपीआर तैयार होगी। इसके एस्टीमेट का आईआईटी से परीक्षण कराया जाएगा। उसके बाद टेंडर की प्रक्रिया शुरू होगी। तीन माह में टेंडर निकाल देने का लक्ष्य है। इसका निर्माण शुरू होने के बाद पूरा होने में करीब दो साल का समय लगने का अनुमान है। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने लोगों की जरूरत को देखते हुए सभी कागजी औपचारिकता को पूरा कर निर्माण शीघ्र शुरू कराने और तय समय पर पूरा करने के निर्देश दिए हैं।

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