ग्रेटर नोएडा। ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने तय किया है कि अब शहर में जहां भी जरूरत होगी वहां एफओबी (फुट ओवर ब्रिज) खुद से बनाएगा। बीओटी के आधार पर एफओबी बनाने में कंपनियों के रुचि न लेने पर प्राधिकरण के सीईओ नरेंद्र भूषण ने यह फैसला किया है। सीईओ ने नए एफओबी बनाने के लिए जगह चिंहित करने के निर्देश दे दिए हैं।
ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने ट्रैफिक कंसलटेंट एजेंसी राइट्स के सर्वे रिपोर्ट के आधार पर तीन जगहों पर फुटओवर ब्रिज बनाने का निर्णय लिया। ये तीनों जगह हैं कलेक्ट्रेट के सामने सूरजपुर-कासना रोड पर, जगत फॉर्म और ईशान इंस्टीट्यूट के पास और कैलाश अस्पताल के सामने। प्राधिकरण इन तीनों फुटओवर ब्रिज को बीओटी (बिल्ट ऑपरेट ट्रांसफर) के आधार पर बनवाना चाह रहा था। इसके लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल भी निकाले गए, लेकिन बीओटी के आधार पर एफओबी बनाने के लिए कंपनियों ने रुचि नहीं दिखाई। इसके बाद प्राधिकरण ने इन तीनों एफओबी को खुद से बनाने का फैसला किया। इनके टेंडर निकाल दिए हैं। इन तीनों एफओबी को बनवाने में करीब 4.70 करोड़ रुपये खर्च होने का आकलन है। इसे बनाने वाली कंपनी के चयन की प्रक्रिया जल्द पूरी कर निर्माण शुरू कराने की तैयारी है। सीईओ ने निर्देश दिए हैं कि जहां भी जरूरत हो वहां पर फुटओवर ब्रिज खुद से बनाएं। उन्होंने नए फुटओवर ब्रिजों के लिए जगह चिंहित करने को कहा है, ताकि लोगों को तेज रफ्तार वाहनों के बीच सड़क को पैदल पार न करना पड़े। सीईओ के निर्देश पर महाप्रबंधक परियोजना एके अरोड़ा ने सभी वर्क सर्किल को कार्यालय आदेश जारी कर शीघ्र सर्वे कर जगह चिंहत करने को कहा है। एफओबी की जगह तय कर प्राधिकरण उन्हें खुद से बनाएगा। एके अरोड़ा ने बताया कि सभी एफओबी में दिव्यांगों, गर्भवती महिलांओं व बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए लिफ्ट/स्केलेटर की भी सुविधा रहेगी।